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ITBP ने नहीं टूटने दी सप्लाई चेन: पहाड़ो में 21 दिन रहे खतरनाक, ऐसे की मदद

भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने भारत के दुर्गम सड़क मार्गों पर 900 ट्रकों के बिना बाधित हुए सप्लाई कराई। ये ट्रक आईटीबीपी की निगरानी में बर्फीले तूफ़ान से होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचे।

Shivani Awasthi
Published on: 11 May 2020 8:23 PM IST
ITBP ने नहीं टूटने दी सप्लाई चेन: पहाड़ो में 21 दिन रहे खतरनाक, ऐसे की मदद
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नई दिल्ली: एक ओर कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन से बॉर्डर सील कर दिए थे, आवागमन बंद है तो वहीं हिमालय से लेकर कारगिल तक बसे डेढ़ लाख से ज्यादा आबादी तक जरूरत का सामान पहुँच सके और सप्लाई चेन न टूटे इसके लिए बॉर्डर पुलिस ने भी कड़ी मशक्क्त की। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने भारत के दुर्गम सड़क मार्गों पर 900 ट्रकों के बिना बाधित हुए सप्लाई कराई। ये ट्रक आईटीबीपी की निगरानी में बर्फीले तूफ़ान से होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचे।

दुर्गम इलाकों मे बसे लोगों को लॉकडाउन के चलते नहीं मिल पा रही थी राहत सामग्री

दरअसल, पहाड़ो पर कई दुर्गम इलाकों में रह रहे लोगों तक लॉकडाउन के चलते समय पर राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही थी। इन क्षेत्रों में लगभग लगभग डेढ़ लाख स्थानीय लोग बसे हैं। ये लोग ट्रकों की सप्लाई लाइन पर ही निर्भर हैं।

ITBP ने 21 दिनों में 900 ट्रकों को दुर्गम इलाकों तक पहुंचाया

ऐसे में इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस बल ने हिमालय के बीच बसे लोगों तक तेल और रसद सामग्री से भरे ट्रकों को पहुंचाने का जिम्मा उठाया। इसके लिए जोजिला से कारगिल तक के दुर्गम सड़क मार्ग से होकर पुलिस बल ने 900 ट्रकों को 21 दिनों में उनके लक्ष्य तक पहुंचाते हुए काम को अंजाम दिया।

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कई जगहों पर बनाए कोविड स्क्रीनिंग पॉइंट्स

इस बीच ट्रक चालकों और उनके सहयोगियों की कोरोना जांच भी कराई गयी। कई जगहों पर कोविड स्क्रीनिंग पॉइंट्स बनाकर की स्क्रीनिंग हुई तो वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा गया।

ITBP ने नहीं टूटने दी सप्लाई चेन

बता दें कि इसके आईटीबीपी के जवान कभी सड़क किनारे खड़े होकर ट्रकों को आगे निकलवाते तो कभी जब रात के वक्त या खतरनाक पॉइंट पर अतिरिक्त लाइट की व्यवस्था करवाते। इन ट्रकों के आगे आईटीबीपी का वाहन चलता।

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माइनस 10 डिग्री सेल्सियस में भी किया काम

मार्ग में काफी समस्याएं आई। भारी बर्फबारी और लैंड स्लाइडिंग ने ट्रकों के आवागमन को बाधित करने का प्रयास किया लेकिन आईटीबीपी के जवान 24 घंटे तक माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम करते रहे।

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Shivani Awasthi

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