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ट्रेन हत्याकांड: कॉन्स्टेबल की दिमागी हालात ठीक, मुस्लिमों से है नफरत

Train Massacre: जीआरपी अधिकारियों ने अदालत से कहा कि उन्हें अभी भी पूरी ट्रेन यात्रा का सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करना और घटनाओं के अनुक्रम का विश्लेषण करना बाकी है।

Neel Mani Lal
Published on: 8 Aug 2023 3:36 PM GMT
ट्रेन हत्याकांड: कॉन्स्टेबल की दिमागी हालात ठीक, मुस्लिमों से है नफरत
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Jaipur Mumbai Express Train Massacre Update (Photo-Social Media)

Train Massacre: जयपुर - मुंबई एक्सप्रेस में पिछले हफ्ते चार लोगों की हत्या करने वाले आरपीएफ कांस्टेबल चेतन कुमार सिंह का मानसिक स्वास्थ्य ठीक है और वह मुस्लिमों से नफरत करता है। चेतन सिंह पर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का भी मामला दर्ज किया गया है। जीआरपी ने बोरीवली की अदालत को ये जानकारी दी है। उसकी हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए जीआरपी अधिकारियों ने अदालत से कहा कि उन्हें अभी भी पूरी ट्रेन यात्रा का सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करना और घटनाओं के अनुक्रम का विश्लेषण करना बाकी है। अधिकारियों ने कहा कि वे यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या चेतन सिंह को किसी ने अपराध करने के लिए उकसाया था।

मुसलमानों से नफरत

सूत्रों के मुताबिक चेतन सिंह को चार निर्दोष लोगों की हत्या का कोई अफसोस नहीं है। उसने जीआरपी और आरपीएफ कर्मियों से कहा है कि अगर ट्रेन नहीं रुकती तो वह आठ-दस और लोगों को मार देता। जीआरपी के एक सूत्र ने कहा, "उसने कहा है कि उसकी अंतिम इच्छा पाकिस्तान जाना और वहां सभी को मार डालना है।" सूत्र ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि उसे मुस्लिम समुदाय से नफरत है। यही कारण है कि गिरफ्तारी के बाद जब उसे कूपर अस्पताल ले जाया गया तो उसने दाढ़ी वाले डॉक्टर से मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया। उसने सोचा कि वह मुसलमान है। जब बिना दाढ़ी वाले अन्य युवा डॉक्टरों को बुलाया गया, तो उसने कोई विरोध नहीं किया। हालांकि, चेतन सिंह के वकील सुरेंद्र लांडगे, जो बोरीवली बार एसोसिएशन के सचिव हैं, ने दावा किया कि आरपीएफ कांस्टेबल मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उन्होंने कहा, ''अपराध के समय चेतन सिंह होश में नहीं था।'' लांडेज ने कहा कि पुलिस ने दूसरी रिमांड सुनवाई में अदालत के समक्ष चेतन सिंह की नियमित मेडिकल जांच जैसे मनोवैज्ञानिक परीक्षण के अलावा कोई रिपोर्ट पेश नहीं की थी।

नये आरोप

बोरीवली जीआरपी ने चेतन सिंह के खिलाफ एफआईआर में आईपीसी की धारा 153ए जोड़ी है। ये धारा धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव बनाए रखने के प्रतिकूल कार्य करने से संबंधित है। जीआरपी ने मामले के गवाह जफर खान के बयान के आधार पर चेतन के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण के लिए सजा), 341 (गलत तरीके से रोकने के लिए सजा), और 342 (गलत तरीके से कारावास के लिए सजा) भी जोड़ी है। जफर खान ने जीआरपी को बताया कि चेतन सिंह ने मृतक यात्रियों में से एक सैयद सैफुद्दीन को बी2 कोच से बंदूक की नोक पर ले लिया था और पैंट्री के पास उसे करीब से गोली मार दी थी।

हिरासत बढ़ी

मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद चेतन सिंह की पुलिस हिरासत 11 अगस्त तक चार और दिनों के लिए बढ़ा दी है।।मजिस्ट्रेट ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मामले से जुड़े नहीं मीडियाकर्मियों और वकीलों को अदालत कक्ष में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी।
31 जुलाई को चलती ट्रेन में पालघर स्टेशन के पास चेतन सिंह ने कथित तौर पर चार लोगों को गोली मार दी थी। हत्याओं के पीछे का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है।

मृतक यात्रियों की पहचान पालघर जिले के नालासोपारा निवासी अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (48), बिहार के मधुबनी के मूल निवासी असगर अब्बास शेख (48) और मूल रूप से कर्नाटक के बीदर के रहने वाले सैय्यद सैफुद्दीन के रूप में हुई है। इनके अलावा आरपीएफ के एएसआई टीकाराम मीणा की भी हत्या की गई थी। रेलवे बोर्ड ने घटना की अलग से जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।

Neel Mani Lal

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