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आतंकियों से हिली घाटी: बनाया ये खतरनाक प्लान, चप्पे-चप्पे पर सेना तैनात
घाटी में आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना के अभियान से पाकिस्तान बौखला उठा है। जिसके बाद पाकिस्तान की सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने घाटी में आतंकी गतिविधियों को गति देने के लिए नया प्लान बनाया है।
इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ मिशन ऑल आउट चला रहे हैं। सेना की मुस्तैदी के चलते आतंकियों के हर खतरनाक मंसूबे विफल होते जा रहे हैं। जिससे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बौखला उठा है। जिसके बाद पाकिस्तान की सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने घाटी में आतंकी गतिविधियों को गति देने के लिए नया प्लान बनाया है। यही नहीं इस संबंध में बाजवा ने आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और तालिबान के शीर्ष कमांडरों के साथ गुप्त बैठकें भी की हैं।
आतंकी संगठनों के बीच हुईं बैठकें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गुप्त बैठक में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर मुफ्ती मोहम्मद असगर खान कश्मीरी भी शामिल हुआ था, जो कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों (Terrorist Activities) का समन्वय कर रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पाक सेना के जनरलों ने आतंकी संगठनों के बीच एकजुटता कायम करने के मकसद से सभी के बीच मीटिंग कराई है। इन आतंकी संगठनों के बीच एकजुटता का मकसद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के जरिए भारतीय सेना पर हमले तेज करना है।
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कश्मीर में आतंकी साजिश का प्लान
आतंक का पनाहगार पाकिस्तान वैसे तो दुनिया को दिखाने के लिए आतंकियों के खिलाफ कई कदम उठा रहा है। हाल ही में उसने FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए 88 आतंकी संगठनों की एक सूची जारी की, जिसमें हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहिम का नाम शामिल है। लेकिन दूसरी ओर वो चोरी छिपे भारत पर हमला करने की फिराक में है। आतंकियों संगठनों के साथ हुई ये बैठक इस बात का सबूत भी है। हालांकि ये कोई नई बात नहीं है कि पाकिस्तान कश्मीर में हमला करने की साजिश रच रहा हो।
(फोटो- सोशल मीडिया)
आर्टिकल 370 हटने से बौखलाया पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान अक्सर कश्मीर पर हमला करने की साजिश रचता रहा है। उसकी ये नापाक हरकतें तब और बढ़ गईं, जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया और राज्य का विशेषाधिकार खत्म कर दिया। भारत सरकार के इस कदम का पाकिस्तान ने जमकर विरोध किया था। यहां तक कि उसने कश्मीर के मुद्दे को वैश्विक मंच पर भी ले जाने की कोशिश की, हालांकि हर बार उसे मुंह की ही खानी पड़ी। इसी से बौखलाया पाक ऐसी साजिशें रचने में जुटा हुआ है।
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आतंकी संगठन आए साथ
वहीं भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षाबलों द्वारा तैयार किए गए डोजियर में कहा गया है कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और तालिबान के शीर्ष कमांडरों के साथ कई बैठकें हुई हैं। इस संबंध में पहली बैठक 27 दिसंबर को की गई थी। इस बैठक में भारत के खिलाफ अभियान तेज करने पर चर्चा की गई थी। इसके बाद इस्लामाबाद में 3 से 8 जनवरी और फिर 19 जनवरी को पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारियों के साथ बैठकें हुईं। इन बैठकों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी संगठन करार दिए गए समूहों के कमांडर भी शामिल हुए थे।
हिज्बुल लेगा सभी हमलों की जिम्मेदारी
बैठक में एकजुटता बनने के बाद जैश का अघोषित प्रमुख मुफ्ती असगर ने लश्कर के कमांडरों से मुलाकात की, जिससे घाटी में उनके खतरनाक साजिश को अंजाम दिया जा सके। इन संगठनों में हथियारों को एक-दूसरे के साथ शेयर करने और छिपे हुए समर्थकों की मदद करने पर सहमति बनी। इसके अलावा संगठनों में इस बात को लेकर सहमति बनी है कि कश्मीर में सभी हमलों की जिम्मेदारी हिज्बुल लेगा। वहीं जैश के कमांडर तालिबान से संपर्क में हैं, ताकि काबुल में आतंकियों की बनने के बाद उसके आतंकवादियों को कश्मीर में भेजा जा सके।
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