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डीडीसी चुनाव: गुपकार गठबंधन आगे मगर BJP ने भी जम्मू-कश्मीर में रचा इतिहास

जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के नतीजों को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। अब तक घोषित नतीजों के मुताबिक गुपकार गठबंधन 101 सीटें जीतने में कामयाब रहा है जबकि भाजपा ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में 75 सीटें पर जीत हासिल की है।

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Published on: 23 Dec 2020 10:05 AM IST
डीडीसी चुनाव: गुपकार गठबंधन आगे मगर BJP ने भी जम्मू-कश्मीर में रचा इतिहास
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डीडीसी चुनाव: गुपकार गठबंधन आगे मगर BJP ने भी जम्मू-कश्मीर में रचा इतिहास

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के नतीजों को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। अब तक घोषित नतीजों के मुताबिक गुपकार गठबंधन 101 सीटें जीतने में कामयाब रहा है जबकि भाजपा ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में 75 सीटें पर जीत हासिल की है। भाजपा की जीत इस नजरिए से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि घाटी में पहली बार कमल खिला है और भाजपा तीन सीटें जीतने में कामयाब रही है।

अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए इस पहले चुनाव के नतीजों को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि गुपकार सात दलों का गठबंधन है और इन सात दलों ने मिलकर 101 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा अकेले अपने दम पर 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। वैसे कांग्रेस का प्रदर्शन भी पहले से सुधरा है और पार्टी ने 25 सीटों पर जीत हासिल की है। निर्दलीय उम्मीदवारों ने काफी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 66 सीटों पर कामयाबी पाई है।

सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा

गुपकार गठबंधन ने हालांकि सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की है मगर सियासी जानकारों का कहना है कि काबिले गौर बात यह भी है कि इस गठबंधन में सात पार्टियां नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, सीपीआई, सीपीआईएम, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट शामिल हैं। कश्मीर में बड़ी सियासी ताकत माने जाने वाले दोनों सियासी दल नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) इसमें शामिल हैं। दूसरी और भाजपा ने अकेले अपने दम पर 75 सीटें जीतकर हर किसी को चौंका दिया है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

BJP JAMMU File Photo

जम्मू के साथ घाटी में भी दिखाई ताकत

जम्मू क्षेत्र में पहले ही भाजपा के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी और उम्मीद के मुताबिक भाजपा ने जम्मू क्षेत्र में 10 में से 6 जिलों में बहुमत हासिल किया है। इस क्षेत्र में जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, रेसाई और डोडा जिलों में अब भाजपा के डीडीसी चेयरमैन बनेंगे। भाजपा की सबसे बड़ी कामयाबी कश्मीर घाटी में 3 सीटों पर विजय मानी जा रही है। मुस्लिम बहुल कश्मीर घाटी में भाजपा को पहली बार मुस्कुराने का अवसर मिला है। भाजपा के तीन मुस्लिम उम्मीदवारों एजाज हुसैन, एजाज अहमद खान और मिन्हा लतीफ ने क्रमशः श्रीनगर, बांदीपोरा और पुलवामा में डीडीसी सीटें जीतकर घाटी में पहली बार कमल खिलाया है।

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BJP File Photo

चुनाव में हिस्सा लेने पर मजबूर हुआ गुपकार

अनुच्छेद 370 और 35ए खत्म होने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुए थे और इसे लोकतंत्र की बड़ी जीत माना जा रहा है। गुपकार गठबंधन में शामिल सभी दल जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के खिलाफ हैं और उन्होंने पहले 370 की बहाली तक किसी भी चुनाव में शिरकत न करने की घोषणा की थी मगर बाद में अपना सियासी वजूद बचाने के लिए इन सभी दलों को चुनाव मैदान में उतरने पर मजबूर होना पड़ा। भारतीय संविधान के दायरे में होने वाले डीडीसी चुनाव में आखिरकार अपनी प्रासंगिकता साबित करने के लिए ये सभी दल चुनाव मैदान में उतरे।

उमर अब्दुल्ला और महबूबा ने भी दिखाई ताकत

गुपकार गठबंधन में पहले सात दलों के अलावा कांग्रेस भी शामिल थी, लेकिन बाद में उसने अपनी अलग राह चुन ली। चुनाव नतीजों के मुताबिक कांग्रेस तीसरी बड़ी ताकत बनकर उभरी है और उसने 25 सीटों पर जीत हासिल की है। चुनाव नतीजों से यह भी साफ हुआ है नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की अभी भी जम्मू-कश्मीर पर पकड़ कायम है। राज्य के ये दोनों पूर्व मुख्यमंत्री डीडीसी चुनावी नतीजों में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब हुए हैं। यही कारण है कि चुनाव नतीजों के बाद उमर अब्दुल्ला ने दावा किया कि अब उन्हें 370 की बहाली के लिए जनादेश हासिल हो चुका है।

File Photo

विकास के एजेंडे के लिए मतदान

डीडीसी के चुनावों में जम्मू-कश्मीर की जनता के इस रुख को भी साफ कर दिया है कि उसे राज्य के विकास का एजेंडा मंजूर है। पाकिस्तान ने इन चुनावों के दौरान घाटी में हिंसा भड़काने और आतंकी हरकतों को अंजाम देने की कई कोशिशें कीं मगर इसके बावजूद जम्मू-कश्मीर की जनता ने लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेते हुए राज्य की तरक्की के लिए मतदान में हिस्सा लिया। सुरक्षाबलों ने भी पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम करने में बड़ी भूमिका निभाई।

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उमर अब्दुल्ला ने किया ये दावा

इन चुनाव नतीजों पर खुशी जताते हुए नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव नतीजे उन लोगों को कड़ा जवाब हैं, जो इस बात का दावा किया करते थे कि कश्मीर में हमारी पकड़ कमजोर पड़ गई है। उन्होंने कहा कि हमारे गठबंधन को लोगों का व्यापक समर्थन मिला है। जनादेश से साबित हुआ है की यहां के लोग अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस वास्तविकता को स्वीकार करते हुए झूठ बोलना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर निर्दलीय उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।

अंशुमान तिवारी



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