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चीन को फिर झटका: ये कंपनी अयोग्य घोषित, बनाना चाहती थी वंदे भारत ट्रेन सेट
वंदे भारत ट्रेन सेट बनाने के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी। जिसमे चीनी कम्पनी सीआरआरसी लिमिटेड और भारत की पायनियर इलेक्ट्रिक का संयुक्त उपक्रम था।
नई दिल्ली: भारत से सीमा विवाद में उलझ कर चीन बड़ी मुसीबत में पड़ गया है। एक तरफ बॉर्डर पर भारतीय सेना उन्हें मुँहतोड़ जवाब दे रही है तो वहीं व्यापारिक क्षेत्र में भी भारत सरकार चीन को झटकों पर झटके दे रही है। इसी कड़ी में अब वनडे भारत ट्रेन सेट बनाने में शामिल होने वाली चीनी कम्पनी को भारतीय रेलवे ने अयोग्य घोषित कर दिया है। इसके पहले भी चीन की कई कम्पनियों का भारत के प्रोजेक्ट्स में शामिल न किये जाने के कारण नुकसान हो चुका है।
वंदे भारत ट्रेन सेट के लिए 1,800 करोड़ रुपये का टेंडर
दरअसल, वंदे भारत ट्रेन सेट बनाने के लिए लगभग 1,800 करोड़ रुपये का टेंडर पास हुआ। इस प्रोजेक्ट के लिए केवल तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी। जिसमे चीन की कम्पनी सीआरआरसी लिमिटेड और भारत की पायनियर इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम था, जिसका प्लांट हरियाणा में हैं। हालंकि रेलवे ने तगड़ा झटका देते हुए चीनी संयुक्त उद्यम सीआरआरसी-पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को अयोग्य घोषित कर दिया है।
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चीन की कम्पनी सीआरआरसी लिमिटेड अयोग्य घोषित
ऐसे में अब केवल दो घरेलू कंपनी भेल और मेधा सर्वो ड्राइव्स की बोलियां मान्य हैं। जानकारी के मुताबिक, मेधा को पहले भी ऐसी दो ट्रेन सेट के निर्माण का ठेका मिल चुका है, क्योंकि उसने सबसे कम बोली लगाई थी।
भेल और मेधा सर्वो ड्राइव्स को मौका
प्रोजेक्ट के तहत 44 सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन सेट निर्माण किया जाना है। रेलवे को टेंडरों का मूल्यांकन करने और अंतिम फैसला लेने में लगभग चार सप्ताह का समय लगा।
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लद्दाख सीमा तनाव से पहले हुई थी बोली आमंत्रित
गौरतलब है कि रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन के निर्माण के लिए इस साल के शुरुआत में बोली आमंत्रित की थी। हालांकि इसी दौरान पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के सैनिकों के बीच सीमा विवाद को लेकर झड़प हो गई और दोनों देशों में तनाव शुरु हो गया। इसके बाद टेंडर रद्द कर दिए गए। हालांकि उस समय मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय तकनीकी आधार पर लिया गया था।
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