×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

LoC पर हाई-अलर्ट: सुरंग से भयानक साजिश शुरू, सेना चप्पे-चप्पे पर हुई तैनात

घिनौनी हरकतों को अंजाम देने के लिए आतंकी बीते कुछ सालों में कश्मीर के बॉर्डर में नाले और बर्फीले रास्तों से घुसपैठ करा रहे हैं। ऐसे में उत्तरी कश्मीर के बारामूला इलाके के तमाम हिस्सों में झेलम नदी से लगे नाले आतंकियों की घूसपैठ के लिए संवेदनशील रहे हैं।

Newstrack
Published on: 23 Nov 2020 6:23 PM IST
LoC पर हाई-अलर्ट: सुरंग से भयानक साजिश शुरू, सेना चप्पे-चप्पे पर हुई तैनात
X
घिनौनी हरकतों को अंजाम देने के लिए आतंकी बीते कुछ सालों में कश्मीर के बॉर्डर में नाले और बर्फीले रास्तों से घुसपैठ करा रहे हैं।

नई दिल्ली। पाकिस्तान अपनी घिनौनी हरकतों को अंजाम देने के लिए बीते कुछ सालों में कश्मीर के बॉर्डर में नाले और बर्फीले रास्तों से घुसपैठ करा रहे हैं। ऐसे में उत्तरी कश्मीर के बारामूला इलाके के तमाम हिस्सों में झेलम नदी से लगे नाले आतंकियों की घूसपैठ के लिए संवेदनशील रहे हैं। जम्मू में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग से लगे हुए कई ऐसे नाले हैं, जो पाकिस्तान तक जाते हैं। साथ ही कठुआ जिले के हीरानगर और सांबा जिले के कुछ नालों को संवेदनशील मानते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने इसमें कटीले तार लगाए हैं, ताकि उनसे आतंकियों के मूवमेंट को रोक जा सके।

ये भी पढ़ें...भारत के साथ बढ़ते तनाव के बाद चीन ने उठाया खतरनाक कदम,दुनिया भर में शोर

जम्मू में घूसपैठ

5 साल पहले 2015 में पठानकोट के आतंकी हमले के दौरान आर्मी कैंप में दाखिल होने के लिए आतंकियों ने जम्मू में घूसपैठ के लिए नाले का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा 2016 में उरी के कैंप पर अटैक के दौरान भी आतंकियों ने मिलिट्री गैरिसन में दाखिल होने के लिए कैंप के पास बने झेलम नदी से से एक नाले का इस्तेमाल किया था।

घाटी के बर्फीले रास्तों को देखे तो इनमें कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों के कुछ ऐसे फॉरवर्ड इलाके शामिल हैं, जिनमें नवंबर से जनवरी तक घुसपैठ की तमाम कोशिशें की जाती रही हैं। पूर्व में बर्फबारी की आड़ में इस इलाके में घुसपैठ कर रहे कई दहशतगर्द ढेर किए जा चुके हैं।

indian army फोटो-सोशल मीडिया

आतंकियों की इन हरकतों को देखते हुए इन इलाकों में पैरा फोर्सेज, असम राइफल्स के साथ आर्मी के स्पेशल कमांडोज सख्त निगरानी करते हैं। इसके अलावा एलओसी की हर हरकत की निगरानी के लिए सैटेलाइट और एरियल सर्विलांसिंग भी कराई जाती है।

ये भी पढ़ें...पाकिस्तानः आतंकी हाफिज सईद को कोट लखपत जेल शिफ्ट किया गया

आतंकियों की हर मूवमेंट पर सेना की पैनी नजर

इसलिए बॉर्डर पर काउंटर इन्फिल्ट्रेशन ग्रिड को मजबूत करने के लिए हर बार एक नई रणनीति बनाई जाती रही है। ऐसे में अब सुरंग के रास्तों की निगरानी भी इसी स्ट्रैटजी यानी योजना को अपग्रेड कहा जा रहा है। जिससे आतंकियों की हर मूवमेंट पर सेना और सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर रहे।

बीते दिनों नगरोटा के हुए हमले से लेकर 2019 के पुलवामा हमले तक आतंकी घुसपैठ के लिए जम्मू डिविजन के सांबा बॉर्डर इस्तेमाल किए जा चुके हैं। वहीं पुलवामा हमले की जिस चार्जशीट को अदालत में दाखिल किया गया था, उसमें भी ये बताया गया था कि आतंकियों ने सांबा से कश्मीर तक जाने के लिए ट्रक को ही जरिया बनाया था।

ये भी पढ़ें...धमाके में जली मासूम: तेज विस्फोट से उड़े कई लोग, दर्दनाक घटना से कांपा देश



\
Newstrack

Newstrack

Next Story