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कश्मीर में बवाल: हिरासत में BJP कार्यकर्ता, महबूबा के बयान से बिगड़ा माहौल
भाजपा कार्यकर्ताओं आज यानी सोमवार सुबह श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती के खिलाफ प्रदर्शन किया। BJP कार्यकर्ता श्रीनगर की मशहूर लाल चौक पहुंचे और तिरंगा फहराने की कोशिश की।
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान पर सियासत गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा के इस बयान के खिलाफ कई स्थानों पर प्रदर्शन करके बड़ा हमला बोला है। इसी कड़ी में भाजपा कार्यकर्ताओं आज यानी सोमवार सुबह श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती के खिलाफ प्रदर्शन किया। BJP कार्यकर्ता श्रीनगर की मशहूर लाल चौक पहुंचे और तिरंगा फहराने की कोशिश की।
बीजेपी कार्यकर्ता को लिया गया हिरासत में
कुपवाड़ा के बीजेपी कार्यकर्ता सोमवार सुबह लाल चौक के क्लॉक टावर पर पहुंचे और उन्होंने तिरंगा फहराने की कोशिश की। हालांकि इस दौरान पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। चार बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है। बता दें कि आज बीजेपी द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। वहीं इससे पहले रविवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पीडीपी के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की थी।
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ABVP कार्यकर्ताओं ने PDP ऑफिस के बाहर फराया तिरंगा
बता दें कि एबीवीपी बीजेपी से ही जुड़ा एक छात्र संगठन है। कल ABVP कार्यकर्ताओं द्वारा जम्मू में PDP के ऑफिस के बाहर नारेबाजी की गई और कार्यालय के बाहर तिरंगा फहराया गया। दरअसल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती हाल ही में नजरबंदी से रिहा की गई हैं और जिसके बाद उनके एक बयान ने देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि वे कश्मीर के अलावा कोई भी झंडा नहीं उठाएंगी।
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क्या था महबूबा मुफ्ती का बयान?
महबूबा ने कहा कि जिस वक्त हमारा झंडा वापस आएगा, उसके बाद हम उस झंडे को भी उठाने के लिए तैयार होंगे। लेकिन इसके साथ ही यह भी ख्याल रखना चाहिए कि जब तक हमारा झंडा वापस नहीं आ जाता है तब तक हम किसी और झंडे को उठाने के लिए तैयार नहीं है।
अनुच्छेद 370 को वापस लाने की मांग
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती एक बार फिर अनुच्छेद 370 को वापस लाने की मांग कर रही हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर बीते साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने और तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इसके साथ ही मुफ्ती ने यह भी कहा था कि वह तिरंगा झंडा तभी थामेंगी जब जम्मू कश्मीर को पूर्ववर्ती राज्य का झंडा वापस मिल जाएगा।
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