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कश्मीर के आंतकियों ने बनाया अब ये बड़ा प्लान, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से प्रदेश की राजनीति पर्दे के पीछे से लगातार नई करवट ले रही है। अभी तक जेहाद के नाम पर बंदूक उठाने वाले आने वाले दिनों में तिरंगे को अपनाने को तैयार हैं।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से प्रदेश की राजनीति पर्दे के पीछे से लगातार नई करवट ले रही है। अभी तक जेहाद के नाम पर बंदूक उठाने वाले आने वाले दिनों में तिरंगे को अपनाने को तैयार हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कई बंदूक की राह छोड़ चुके कई पूर्व आतंकी अब नया राजनीतिक संगठन खड़ा करने को तैयार हैं। अब वे इसे नए संगठन का रूप दे।
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ये पूर्व आतंकी अपने इस हाल के लिए झूठ और ब्लैकमेल की राजनीति को कोस रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में पूर्व आतंकी के हवाले से कहा गया है कि वह साफ कहते हैं कि जो हुआ सही हुआ। यह आतंकी एक होटल में रह रहे हैं और उनका कहना है कि अगर यह काम 1947 में ही हो गया होता तो वे आज होटल में नहीं दिखते। शायद संसद या यहां की एसेंबली में होता।
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उनका कहना है कि ब्लैकमेल और मजहब की सियासत की वजह से उनके जैसे कई युवाओं ने राह से भटककर बंदूक उठा ली और कुछ अभी भी उठा रहे हैं। उनको उम्मीद है कि अब यह सिलसिला थम जाएगा। उन्होंने बताया कि बंदूक छोड़ देने के बाद दो बार चुनाव भी लड़े, लेकिन यहां की खानदानी सियासत की वजह से हार गए।
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उन्होंने कहा कि कश्मीर में उनके जैसे करीब 10 से 15 हजार लोग मुख्यधारा में आने के लिए बंदूक छोड़ चुके हैं। हमारे कई छोटे-बड़े संगठन भी हैं और कई सामाजिक गतिविधियों में सलंग्न हैं। उनका कहना है कि वह करीब दो सालों से अपना सियासी संगठन बनाने पर विचार कर रहे थे। इस दिशा में कुछ काम भी हुआ।
उनका कहना है कि अब आटोनामी, सेल्फ रुल या आजादी के नारों से बहकाने वालों के दिन लद चुके। हम इन नारों की हकीकत बताते हुए कश्मीरी की तरक्की और खुशहाली के एजेंडे पर वोट मांगेंगे। सिर्फ मैं नहीं मेरे जैसे आपको यहां कई मिलेंगे जो सियासत में ताल ठोंकने के लिए तैयार हैं।