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पाकिस्तान में कभी भी हो सकता है इमरान का तख्तापलट, इनके हाथों में होगी कमान
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से तिलमिलाया पाकिस्तान आए नई-नई चाले रहा है, लेकिन वह प्रधानमंत्री इमरान खान खुद इन चालों में फंसते जा रहे हैं। जनरल बाजवा के एक बार फिर पाकिस्तान सेना का प्रमुख बनने के बाद पड़ोसी देश और दुनिया में चर्चा तेज हो गई।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से तिलमिलाया पाकिस्तान आए नई-नई चाले रहा है, लेकिन वह प्रधानमंत्री इमरान खान खुद इन चालों में फंसते जा रहे हैं। जनरल बाजवा के एक बार फिर पाकिस्तान सेना का प्रमुख बनने के बाद पड़ोसी देश और दुनिया में चर्चा तेज हो गई कि इमरान खान का तख्तापलट होने वाला है। पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंका तेज हो गई है।
यह सुगबुगाहट तब से तेज हुई है जब पाकिस्तान पीएम के दफ्तर से सेना जनरल कमर बाजवा के नाम एक चिट्ठी जारी की गई है। इस चिट्ठी के बाद बाजवा के हाथों में अगले तीन साल के लिए फिर सेना की कमान सौंप दी गई। इसके बाद से कहा जाने लगा है कि इमरान खान पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम जरूर हैं, लेकिन देश का असली कमान जनरल बाजवा के हाथों में है।
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अगर पाकिस्तान का 72 साल का इतिहास देखें, तो जब देश पर संकट आया। तब सेना प्रमुखों ने लोकतंत्र को कुचलकर अपने हाथों में कमान ले ली। फील्ड मार्शल अयूब खान, याहया खान और जियाउल हक से लेकर परवेज मुशर्रफ तक कुल 35 साल तक पड़ोसी देश पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख राज रहा है। अब एक बार फिर पाकिस्तान उसी राह पर दिखाई दे रहा है।
भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया, लेकिन पाकिस्तान पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा। इसकी वजह यह है कि पाकिस्तान की राजनीति कश्मीर से ही शुरू और कश्मीर पर खत्म होती है। कश्मीर पर भारत के फैसले से पाकिस्तान बेचैन हो गया है। अब ये अनुच्छेद 370 पाकिस्तान के लिए गले की वो हड्डी बन गया है, जो ना उगली जा रही है ना निगली जा रही है। इस बीच अब एक बार फिर पड़ोसी देश की कमान पाकिस्तान के सेना के हाथों में जाती नजर आ रही है।
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इमरान खान जब से प्रधानमंत्री के पद आसीन हुए हैं तब से ही जनरल कमर बाजवा ही लगातार पाकिस्तान की कमान संभालते दिख रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से मिलना हो या ट्रंप से मुलाकात की बात हो। पाकिस्तान के आम चुनाव में भी सेना के दखल का आरोप लगा था। तब से कहा जा रहा है कि इमरान कठपुतली प्रधानमंत्री हैं।
दावा किया जाता रहा है कि पाकिस्तान के चुनाव में इमरान खान की जीत के पीछे सेना विरोधी पार्टी अभी तक ये आरोप लगाती हैं कि इमरान खान को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने वाले जनरल कमर जावेद बाजवा ही हैं। सेना प्रमुख के कार्यकाल को तीन साल और बढ़ाने का ये फैसला भी खुद जनरल कमर जावेद बाजवा का ही है।
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इमरान खान के इस फैसले के बाद अब जाहिर हो गया है कि पाकिस्तान का असली कमान वहां सेना प्रमुख बाजवा के हाथों में है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के वर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा नवंबर में रिटायर होने वाले थे, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान के ऑफिस से इस बात की घोषणा की गई कि जनरल बाजवा और तीन साल के लिए सेना प्रमुख बने रहेंगे। कश्मीर का मौजूदा माहौल पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द है और इस मुश्किल दौर में सेना प्रमुख बाजवा कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं।
पाकिस्तान के पास दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना है जिसका देश के परमाणु हथियारों पर भी नियंत्रण है और जंग जैसे बनते हालात में पाकिस्तानी सेना पहले की तरह तख्तापलट कर सकती है।