वक्त बदला है पर चाल तो वैसी ही है, दस साल पहले 'शाह' थे आज 'चिदंबरम'

अमित शाह की गिरफ्तारी के बाद भाजपा आंदोलित हुई थी और उन्होंने यूपीए सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। 2012 तक अमित शाह गुजरात में दाखिल नहीं हुए। 

Aditya Mishra
Published on: 21 Aug 2019 10:34 AM GMT
वक्त बदला है पर चाल तो वैसी ही है, दस साल पहले शाह थे आज चिदंबरम
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नई दिल्ली: कहावत है कि समय बड़ा बलवान होता है। जब ये बदलता है तो इंसान को राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है, इसके कहर से राजा-महाराजा तक घबराते है, और हर कोई चाहता है कि ये हमेशा उनके साथ रहे।

लेकिन ऐसा बहुत कम लोगों के साथ ही होता है। उपरोक्त कहावत देश के गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. पी चिदंबरम पर बिल्कुल फिट बैठती है।

कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम इस वक्त गिरफ्तारी से बचने के लिए एक जगह से दूसरे जगह भागे –भागे फिर रहे है।

उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।

कपिल सिब्बल से लेकर सलमान खुर्शीद तक बचाव में उतरे

कांग्रेस के बड़े नेता और वकील कपिल सिब्बल से लेकर सलमान खुर्शीद तक उनके बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में चक्कर लगा रहे है लेकिन उन्हें राहत नहीं दिला पाए है।

सीबीआई और ईडी दोनों उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनकी तलाश में जगह –जगह दबिश दे रही है।

ये समय ही है। आज दस बाद वक्त ने ऐसी करवट ली है कि सब कुछ बदल कर रख दिया है। दरअसल आज से ठीक 10 साल पहले भी कुछ ऐसा ही घटित हुआ था।

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तब मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह के पीछे जांच एजेंसियां लगी हुई थीं। शाह बचाव में इधर -उधर भागते फिर रहे थे। उस समय देश के गृहमंत्री पी पी चिदंबरम हुआ करते थे।

अगर इस कहानी के अतीत में जाये और समय के पहिये को घुमाएं तो तो पाएंगे कि आज जैसा आरोप कांग्रेस बीजेपी पर लगा रही है। वैसा ही आरोप तब बीजेपी भी यूपीए सरकार पर लगाती थी और उस समय गृह मंत्री पी. चिदंबरम हुआ करते थे।

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर से हुई थीं शुरुआत

मामला कुछ यूं है कि उस वक्त सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामला चरम पर था और इसी मामले में अमित शाह पर कार्रवाई की गई थी। उस समय देश यूपीए की सरकार थी।

उनके कार्यकाल के दौरान पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे। 25 जुलाई 2010 को सीबीआई ने अमित शाह को गिरफ्तार भी किया था और जेल में डाल दिया था।

चिदंबरम 29 नवंबर, 2008 से 31 जुलाई 2012 तक देश के गृह मंत्री रहे थे। अब समय का पहिया घूमा है और अमित शाह देश के गृह मंत्री और सीबीआई-ईडी पी. चिदंबरम को जेल में डालने के लिए तैयार हैं।

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शाह को तीन महीने तक रहना पड़ा था जेल में

ऐसा बताया जाता है कि 25 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमित शाह को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और शाह को तीन महीने तक जेल में रहना पड़ा था।

इतना ही नहीं उन्हें 2 साल तक गुजरात से बाहर रहने का आदेश दिया गया था। 29 अक्टूबर, 2010 को फिर समय बदला और गुजरात की हाईकोर्ट ने अमित शाह को बेल दे दी।

अमित शाह की गिरफ्तारी के बाद भाजपा आंदोलित हुई थी और उन्होंने यूपीए सरकार पर बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।2012 तक अमित शाह गुजरात में दाखिल नहीं हुए।

2012 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें राहत मिली और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गुजरात जाने की परमिशन दे दिया। लेकिन सीबीआई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को गुजरात से बाहर शिफ्ट कर दिया और मुंबई भेज दिया।

बाद में इस मामले की सुनवाई मुंबई कोर्ट में ही हुई। साल 2015 में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी से कर दिया।

आईएनएक्स मीडिया मामले में घूस लेने का आरोप

बताते चले की आज पी. चिदंबरम पर आईएनएक्स मीडिया मामले में घूस लेने का आरोप है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन्हें अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया।

जिसके बाद से सीबीआई और ईडी उनके पीछे पड़ी हुई है। उनके घर से लेकर ऑफिस और हर उस जगह पर तलाशी की जा रही है। जहां पर उनके छिपे होने का अंदेशा है। लेकिन अभी तक उनके बारें में कुछ पता नहीं चल पाया है।

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