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Railway Board CEO: रेलवे बोर्ड में पहली बार महिला अध्यक्ष, जया वर्मा सिन्हा को मिला सम्मान, AU के पुरातन छात्र खुश
Railway Board CEO: जया वर्मा सिन्हा अभी तक रेलवे बोर्ड में मेम्बर, ऑपेरशन एंड बिज़नेस डेवलपमेंट थीं। अब बोर्ड अध्यक्ष के पद पर आज से कार्यभार संभाला है।
Railway Board CEO: रेलवे बोर्ड में पहली बार किसी महिला अधिकारी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह रिकॉर्ड जया वर्मा सिन्हा के हाथ लगा है। इनको भारतीय रेलवे ने 31 अगस्त, 2024 तक के कार्यकाल के लिए रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। जया वर्मा सिन्हा अभी तक रेलवे बोर्ड में मेम्बर, ऑपेरशन एंड बिज़नेस डेवलपमेंट थीं। अब बोर्ड अध्यक्ष के पद पर आज से कार्यभार संभाला है। निवर्तमान बोर्ड अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी अगस्त में रिटायर हुए हैं।
पहला मौका
यह पहली बार है कि उच्च प्रशासनिक ग्रेड-प्लस रैंक की एक महिला अधिकारी को रेलवे के प्रमुख निर्णय लेने वाले निकाय के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। 1986 बैच की भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) अधिकारी जया वर्मा सिन्हा की रेलवे बोर्ड के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को महिला सशक्तिकरण और समानता की दिशा में रेलवे द्वारा एक अभूतपूर्व कदम के रूप में देखा जा रहा है।
केंद्र की मंजूरी
जया सिन्हा की नियुक्ति से जुड़े इस फैसले के संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से 31 अगस्त को अधिसूचना जारी की गयी। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति का आदेश जारी किया है। वह पहली अक्टूबर 2023 को रिटायर हो रही हैं लेकिन उन्हें रिटायरमेंट के तत्काल बाद बाकी कार्यकाल के लिए पुनः नियुक्त किया जाएगा।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई
जया सिन्हा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। वह 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुईं। उन्होंने उत्तर रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे और पूर्वी रेलवे में काम किया है। अपनी तीव्र व्यावसायिकता और निर्णय लेने की शक्ति के कारण उन्हें एचएजी + ग्रेड के सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों में से एक माना जाता है। उन्हें पेशेवर विचारधारा में मजबूत कौशल के साथ एक बहुत ही स्पष्ट और उद्देश्यपूर्ण रेलवे अधिकारी भी कहा जाता है। उन्हें माल और यात्रियों के समग्र परिवहन से संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने का श्रेय दिया जाता है।
इस पोस्टिंग से पहले, उन्होंने यातायात और परिवहन के एक अतिरिक्त सदस्य के रूप में काम किया था। उन्हें रेलवे द्वारा वार्षिक माल ढुलाई का 1.5 बिलियन का आंकड़ा पार करने का श्रेय दिया गया था। वह साउथ ईस्टर्न रेलवे की प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला भी थीं। उन्होंने उत्तर रेलवे की प्रमुख मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक के रूप में भी काम किया है। वह ढाका में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार भी थीं।