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झारखंड: सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने वालों पर होगा एक्शन, पुलिस भेजेगी नोटिस
रांची में युवती का सिर कटा शव बरामद होने के बाद सोशल मीडिया पर कई कैंपेन चलाए गए। दिल्ली की निर्भया का उदाहरण देते हुए जस्टिस फॉर रांची निर्भया कैंपेन चलाया गया।
झारखंड: रांची में युवती का सिर कटा शव बरामद होने के बाद सोशल मीडिया पर कई कैंपेन चलाए गए। दिल्ली की निर्भया का उदाहरण देते हुए जस्टिस फॉर रांची निर्भया कैंपेन चलाया गया। इतना ही नहीं युवती के साथ गैंगरेप की बात भी कही गई। झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने कहा है कि, ऐसा कैंपेन चलाने वालों को नोटिस जारी किया जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि, आखिर किस बुनियाद पर इस केस को निर्भया से जोड़ा गया। इतना ही नहीं बिना आधिकारिक जानकारी के कैसे इसे गैंगरेप बताया गया। लिहाज़ा, ऐसा कैंपेन चलाने वालों से जवाब मांगा जाएगा। जवाब नहीं देने वालों के विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। आपको बता दें कि, रांची पुलिस ने युवती की हत्या मामले में मुख्य आरोपी शेख बिलाल को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही इस पूरे मामले का उदभेदन कर दिया है।
सोशल मीडिया में ज़हर
झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने कहा है कि, सोशल मीडिया में ज़हर फैलाने वालों की फौज तैयार की जा रही है। ऐसे लोगों में और सुपारी किलर में ज्यादा फर्क नहीं है। सुपारी किलर पैसे लेकर हत्या करते हैं। सोशल मीडिया में ज़हर फैलाने वाले पैसा लेकर पूरे समाज को दूषित करते हैं। उन्होने कहा कि, अभिव्यक्ति की आज़ादी का मतलब ये नहीं है कि, आप सोशल मीडिया पर कोई भी ग़ैर ज़िम्मेदाराना कमेंट करते फिरें।
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सीएम काफिला पर हमला मामला
डीजीपी एमवी राव ने कहा है कि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिला पर हमला मामले में अबतक 36 नामज़द आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। कुल 76 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज है। डीजीपी ने कहा कि, जो आरोपी फरार चल रहे हैं वो खुद को सरेंडर करें नहीं तो पुलिस अपना काम करेगी। राज्य के पुलिस मुखिया ने कहा कि, इस मामले को लेकर उनके बयान की आलोचना भी हुई है। उन्होने कहा कि, जो लोग सड़क पर गुंडागर्दी करते हैं उन्हे माला नहीं पहनाया जा सकता है।
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पुलिस का मनोबल तोड़ने की कोशिश
डीजीपी एमवी राव ने कहा कि, ओरमांझी की घटना और सीएम के काफिला पर हमला को लेकर पुलिस का मनोबल तोड़ने की कोशिश हुई। उन्होने कहा कि, झारखंड पुलिस का प्रथम दायित्व है कि, राज्य में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखा जाए। जनता के जान-माल की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। उन्होने कहा कि, कोई भी ताकत झारखंड पुलिस को न तो काम करने से रोक सकती है और न ही डरा सकती है। डीजीपी ने कहा कि, कोई भी घटना घटती है तो उसके लिए पुलिस को तहक़ीक़ात का वक्त मिलना चाहिए। हालांकि, हाल के दिनों में किसी भी घटना के लिए तुरंत पुलिस को ज़िम्मेदार ठहरा देना। मुख्यमंत्री के काफिला पर हमला करना। ये अपराध से जनति आक्रोश नहीं है बल्कि, अपराध की आड़ में किया जाने वाला कु-कृत्य है।
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