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मोदी की भी बात नहीं मानते BJP सांसद, इस MP ने किया कोविड नियमों का उल्लंघन
कोविड 19 के नियमों के उल्लंघन पर भाजपा सांसद निशिकांत दूब कुछ नहीं बोले। अलबत्ता उन्होंने पंडा समाज और बाबा नगरी देवघर के व्यापार को लेकर अपनी बात ज़रूर रखीं। मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होने कहा कि, वे शुरू से इस बात के पक्षधर थे कि, बाबधाम को खोला जाए।
रांची: जबतक दवाई नहीं तबतक ढिलाई नहीं और दो ग़ज़ की दूरी का पालन करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़ोर रहा है। अक्सर वे अपने संदेशों में इसका ज़िक्र करते हैं। हैरत की बात ये है कि, खुद भारतीय जनता पार्टी के सांसद इसका उल्लंघन करते नज़र आते हैं।
ताज़ा मामला झारखंड के गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे से जुड़ा है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सांसद महोदय अपने समर्थकों के साथ बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान न तो उन्होने मास्क लगाया और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किया।
कोविड नियमो के उल्लंघन पर चुप्पी.
कोविड 19 के नियमों के उल्लंघन पर भाजपा सांसद निशिकांत दूब कुछ नहीं बोले। अलबत्ता उन्होंने पंडा समाज और बाबा नगरी देवघर के व्यापार को लेकर अपनी बात ज़रूर रखीं। मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होने कहा कि, वे शुरू से इस बात के पक्षधर थे कि, बाबधाम को खोला जाए। जबकतक मंदिर खुलेगा नहीं देवघर में जन-जीवन सामान्य नहीं होगा। उन्होने कहा कि, आखिरकार उनकी बात सच हुई और मंदिर में श्रद्धालुओं के आने से लोगों का जीवन यापन आसान हुआ है।
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कोरोना को लेकर मंत्री की लापरवाही
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी कोविड नियमों के अनुपालन को लेकर लापरवाह रहे हैं। 29 अगस्त को झासा के कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बिना मास्क के नज़र आए। हालांकि, उनके अगल-बगल बैठे लोगों ने कोविड नियमों का पूरी तरह से पालन किया। विभागीय मंत्री अपने कार्यक्रमों में कोरोना महामारी को लेकर जागरुकता लाने की बात तो करते हैं लेकिन खुद इसका उल्लंघन करते दिखते हैं। खास बात ये है कि, खुद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। कई दिनों के इलाज के बाद वे अस्पताल से बाहर आए हैं।
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SOP के साथ धार्मिक स्थल खुले
क़रीब 5 महीने बंद रहने के बाद 08 अक्टूबर से सरकारी गाइडलाइन के तहत राज्यभर के पूजा स्थलों को खोला गया। बैद्यनाथ धाम में भी सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को आने की अनुमति मिली। शुरू में टोकन सिस्टम से भक्त पूजा अर्चना कर सकते थे। बाद में केवल झारखंड के लोगों के लिए मंदिर परिसर खोला गया। हालांकि, पंडा समाज और भाजपा के विरोध के बाद मंदिर को देशभर के भक्तों के लिए खोल दिया गया है। बाबधाम खोलने के लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जहां से सांसद को राहत मिली थी। दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने सावन के महीने में बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ मंदिर से कांवर यात्रा निकालने को लेकर मंज़ूरी नहीं दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रूख़ किया गया था।
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झारखंड में कोरोना पर राजनीति
झारखंड में कोरोना महामारी को लेकर शुरू से राजनीति हावि रही है। धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर भाजपा सरकार पर लगातार हमला बोलती रही है। जबकि, राज्य सरकार जीवन की सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताते हुए नियमों में ढील देने से इनकार करती रही है। हालांकि, 08 अक्टूबर से राज्यभर के धार्मिक स्थलों को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच शुरू से टकराव की स्थिति रही है। दोनों के बीच संबंध इतने खराब हैं कि, मामला कोर्ट की दहलीज़ तक जा पहुंचा है। बहरहाल, कोरोना से निपटने में हर एक को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। लिहाज़ा, इसपर सियासत से ऊपर उठकर ज़िंदगी बचाने पर ज़ोर होना चाहिए।
शाहनवाज़ की रिपोर्ट
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