×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

शिक्षा मंत्री के लिए हवन, जानें परिवार समेत पारा शिक्षक क्यों कर रहे प्रार्थना

रांची समेत तमाम ज़िलों के पारा शिक्षक भगवान से प्रार्थना में जुटे हैं। पारा शिक्षकों की मानें तो न सिर्फ वे बल्कि उनके परिवार के लोग भी मंत्रीजी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।  

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 3 Oct 2020 5:37 PM IST
शिक्षा मंत्री के लिए हवन, जानें परिवार समेत पारा शिक्षक क्यों कर रहे प्रार्थना
X
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का इलाज

रांची : झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो इन दिनों कोरोना संक्रमित हैं। इलाज के लिए उन्हें राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में भर्ती कराया गया है। मंत्रीजी की तबीयत बिगड़ने से सबसे ज्यादा परेशान राज्य के पारा शिक्षक हैं। झारखंड में पारा शिक्षकों की संख्या लगभग 65 हज़ार है। ऐसे में हज़ारों पारा टीचर मंत्रीजी के स्वास्थ्य के लिए हवन कर रहे हैं। रांची समेत तमाम ज़िलों के पारा शिक्षक भगवान से प्रार्थना में जुटे हैं। पारा शिक्षकों की मानें तो न सिर्फ वे बल्कि उनके परिवार के लोग भी मंत्रीजी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

शिक्षकों का मंत्री प्रेम आखिर क्यों ?

झारखंड के पारा शिक्षक स्थायीकरण और वेतनमान के लिए वर्षों से आंदोलनरत हैं। पिछली सरकार में पारा शिक्षकों ने राज्यव्यापी आंदोलन भी चलाया लेकिन स्थायीकरण का मामला फाइलों में दबकर रह गया। नई सरकार से पारा शिक्षकों को काफी उम्मीदें हैं। खुद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शिक्षकों को वेतनमान और स्थायीकरण का भरोसा दिलाया है। इसके लिए कमेटी का गठन भी किया गया है। नियमावली को लेकर सरकारी प्रक्रियाधीन है। पारा शिक्षकों को पहली बार उनकी मांगें पूरी होती नज़र आ रही है। इस बीच शिक्षा मंत्री कोरोना संक्रमित हो गए हैं। लिहाज़ा, पारा शिक्षकों ने मंत्री के लिए हवन करना शुरू कर दिया है।

यह पढ़ें....नोएडा से राहुल के निकलने के बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर भांजी लाठी

pooja hawan सोशल मीडिया से

झारखंड में पारा शिक्षकों का महत्व

संख्या बल के लिहाज़ से पारा शिक्षका 65 हज़ार के लगभग हैं। स्कूली शिक्षा में पारा शिक्षकों का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। दूर-दराज़ के कई स्कूल हैं जो केवल पारा शिक्षकों के भरोसे संचालित हैं। स्थायी शिक्षकों के मुकाबले पारा शिक्षकों से सभी कार्य कराए जाते हैं लेकिन वेतनमान की जगह मामूली मानदेय दिया जाता है। ऐसे में सरकार के लिए भी पारा शिक्षक मायने रखते हैं। सरकार बीच का रास्ता निकाल कर इनके स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू की है लेकिन अभी रास्ता काफी लंबा है। हालांकि, पारा शिक्षकों को भरोसा है कि, हेमंत सोरेन सरकार में उनकी मांगें पूरी होंगी।

शिक्षा मंत्री की दिलचस्प कहानी

झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट से चुनाव जीतने वाले जगरनाथ महतो 10वीं पास हैं। लिहाज़ा, जब उन्हे शिक्षा मंत्री की ज़िम्मेदारी दी गई तो विपक्ष की ओर से आलोचना का शिकार होना पड़ा। ऐसे में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने फिर से पढ़ाई का मन बनाया। बोकारो के देवी महतो इंटर कालेज में मंत्रीजी ने 11वीं में दाखिला लिया। 1995 में मैट्रिक पास करने के बाद जगरनाथ महतो ने पढ़ाई छोड़ दी थी। पत्रकारों ने जब पूछा कि, मंत्रीजी पढ़ने के लिए समय कैसे निकालेंगे तो उन्होने कहा कि, क्लास भी करेंगे और विभाग भी संभालेंगे। इतना ही नहीं घर पर खेती-किसानी भी करेंगे। पिछले दिनों मंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे अपनी गाड़ी में पढ़ाई करते नज़र आ रहे हैं।

यह पढ़ें....फिर यूपी में रेप: बलात्कारियों का अड्डा बना प्रदेश, सहारनपुर में नाबालिग से हैवानियत

education minister सोशल मीडिया से

मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता

एडीआर की रिपोर्ट मानें तो हेमंत सोरेन कैबिनेट में मंत्री जगरनाथ महतो के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, समाज कल्याण एवं महिला बाल विकास मंत्री जोबा मांझी और श्रम मंत्री सत्यानंद भोगता भी मात्र 10वीं पास हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 12वीं, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख 12वीं और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी भी 12वीं पास हैं। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और पेयजल एंव स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर स्नातक पास हैं। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव पीएचडी धारी हैं। साथ में पूर्व आईपीएस अधिकारी भी रह चुके हैं।

रिपोर्टर शहनवाज , रांची



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story