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झारखंड चुनाव: दागियों और करोड़पतियों पर राजनीतिक दलों ने लगाया दांव
नॉमिनेशन और एफिडेविट के विश्लेषण पर आधारित एडीआर की रिपोर्ट से साफ है कि जीत दिलवाने की गारंटी देने वाले क्रिमिनल और अमीर बैकग्राउंड के उम्मीदवार को मैदान में उतारने से किसी भी दल को न तो कोई परहेज है और न ही कोई गुरेज।
नई दिल्ली: झारखंड में हो रहे चुनाव में नेताओं के पारदर्शिता और सफाई की बात करें तो बीते डेढ़ दशक में झारखंड जैसे राज्यों में भी बड़ा बदलाव दिखा है। राजनीतिक दलों को धनबल और बाहुबल से युक्त उम्मीदवार ही ज्यादा पसंद हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और सेवा में विश्वास रखने वाले उम्मीदवार को खुद जनता नहीं बल्कि राजनीतिक दल ही बाहर कर देते हैं।
बता दें कि दूसरे चरण के नॉमिनेशन और एफिडेविट के विश्लेषण पर आधारित एडीआर की रिपोर्ट से साफ है कि जीत दिलवाने की गारंटी देने वाले क्रिमिनल और अमीर बैकग्राउंड के उम्मीदवार को मैदान में उतारने से किसी भी दल को न तो कोई परहेज है और न ही कोई गुरेज।
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एडीआर रिपोर्ट के अनुसार 260 उम्मीदवारों में से 67 दागी
एडीआर के स्टेट कोऑर्डिनेटर ने बताया कि झारखंड में दूसरे चरण के चुनाव में ताल ठोक रहे 260 उम्मीदवारों में से 67 दागी हैं।यानी 26 प्रतिशत दागी उम्मीदवार हैं।इनमें 44 यानी 17 फीसदी पर संगीन मामले दर्ज हैं।दिलचस्प बात यह है कि गरीब झारखंड के राजनेताओं ने खुद ही अपने अमीर होने की घोषणा अपने एफिडेविट में की है।
उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 71.68 लाख
दूसरे चरण में भाग्य आजमा रहे 260 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 71.68 लाख है।राजनीतिक दलों ने खुद ही ऐसी सिल्वर लाइन बनाई है कि अच्छे और साफ छवि वाले उम्मीदवार का यहां टिकना ही मुश्किल है। जो लोग राजनीति में रहकर सामाजिक सेवा करना चाहते हैं लेकिन राजनीति के लिए ऐसी जरूरी अहर्ता नहीं रखते उन्हें राजनीतिक दल ही रिजेक्ट कर देती है।
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कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया अपराधीकरण का आरोप
झारखंड की अलग पहचान है और यहां के लोगों को भी भोला-भाला ही माना जाता है।लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक दुबे का आरोप है कि राजनीति के अपराधीकरण और इसमें धनबल का खेल बीजेपी का शुरू किया हुआ है। ढुल्लू महतो, भानु प्रताप शाही, सुचित्रा मिश्र हत्या के आरोपी बीजेपी के पांकी उम्मीदवार शशि भूषण मेहता, जेल में बंद संजीव सिंह आखिर उन्हें बीजेपी का ही तो संरक्षण है।
बीजेपी प्रवक्ता ने किया पलटवार और पूछा
बीजेपी के प्रवक्ता दीनदयाल बर्नवाल ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस से पूछा है कि क्या उसने ऐसे उम्मीदवार को उतारा है जिसके परिवार का गुजारा सब्जी बेचकर होता है।या फिर सामरी लाल या लोकनाथ महतो या फिर कोचे मुंडा जिनके पास कुछ है ही नहीं। ऐसे कितने उम्मीदवार को कांग्रेस ने मौका दिया है।
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दूसरे चरण में आपराधिक उम्मीदवार
कांग्रेस- 6 में से 4 (67%)
बीजेपी- 20 में से 8 (40%)
जेएमएम- 14 में से 7 (50%)
दूसरे चरण में करोड़पति उम्मीदवार
कांग्रेस- 6 में से 2 (33%)
जेएमएम- 14 में से 7( 50%)
बीजेपी- 20 में से 10 (50%)