TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

झारखंड: लॉकडाउन के बाद पलायन में तेज़ी, अपने नेता को खुश करने में व्यस्त श्रम मंत्री

अपने पिता लालू प्रसाद से मिलने के लिए तेजस्वी यादव 18 दिसंबर की शाम रांची पहुंचे। दूसरे दिन रांची के होटल रेडिसन ब्लू में मंत्री सत्यानंद भोगता और मंत्री बादल पत्रलेख तेजस्वी से मिलने पहुंचे।

Newstrack
Published on: 20 Dec 2020 4:48 PM IST
झारखंड: लॉकडाउन के बाद पलायन में तेज़ी, अपने नेता को खुश करने में व्यस्त श्रम मंत्री
X
झारखंड: लॉकडाउन के बाद पलायन में तेज़ी, अपने नेता को खुश करने में व्यस्त श्रम मंत्री (PC: social media)

रांची: झारखंड में रोज़गार के लिए बड़े पैमाने पर पलायन जारी है। लॉकडाउन खुलने के बाद इसमें और तेज़ी आई है। पिछले दिनों ही कोयंबटूर में फंसी 24 लड़कियों को एयरलिफ्ट कराकर रांची लाना पड़ा। इससे पहले 45 बालिग-नाबालिग लड़के-लड़कियों को दिल्ली समेत अन्य राज्यों से झारखंड लाया गया। इस बीच झारखंड के विभिन्न ज़िलों से एकबार फिर 43 लड़कियों को तमिलनाडु ले जाया गया है। सरकार के नाक के नीचे हो रहे पलायन को लेकर न तो श्रम मंत्री सत्यानंद भोगता संवेदनशील नज़र आते हैं और न ही विभागीय अधिकारी।

ये भी पढ़ें:किसान बिल समर्थन में पहुंचे किसानों का हंगामा, गुमराह करने का लगाया आरोप

तेजस्वी के साथ फोटो सेशन में व्यस्त श्रम मंत्री

jharkhand-matter jharkhand-matter (PC: social media)

अपने पिता लालू प्रसाद से मिलने के लिए तेजस्वी यादव 18 दिसंबर की शाम रांची पहुंचे। दूसरे दिन रांची के होटल रेडिसन ब्लू में मंत्री सत्यानंद भोगता और मंत्री बादल पत्रलेख तेजस्वी से मिलने पहुंचे। इस दौरान राजद कोटे के मंत्री सत्यानंद भोगता अपने नेता तेजस्वी यादव के साथ फोटो फ्रेम में नज़र आए। नेता को खुश करने के लिए तेजस्वी यादव के साथ सत्यानंद भोगता भी रिम्स पहुंचे। हालांकि, पुलिस की सख्ती की वजह से मंत्री जी को इंट्री नहीं मिल सकी और उन्हे बैरंग ही लौटना पड़ा। 20 दिसंबर को भी मंत्री सत्यानंद भोगता अपने नेता तेजस्वी यादव के आसपास ही नज़र आए। चाय-नाश्ता के साथ पार्टी नेताओं के साथ फोटो सेशन भी हुआ।

पलायन की मार झेलता झारखंड

लॉकडाउन के दौरान लाखों प्रवासी मज़दूरों को विभिन्न राज्यों से वापस झारखंड लाया गया। सरकार के इस क़दम की देशभर में सराहना भी हुई। श्रम विभाग की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी। प्रवासी मज़दूरों को विभिन्न ट्रेड में स्किल्ड कर उन्हे राज्य के अंदर ही रोज़गार से जोड़ना था। इसके लिए कौशल विकास विभाग के तहत संचालित ट्रेनिंग सेंटर का इस्तेमाल होना था। हालांकि, श्रम विभाग की उदासीनता की वजह से मज़दूरों की ट्रेनिंग नहीं दी जा सकी। स्थिति एकबार फिर वहीं पहुंच गई और झारखंड से पलायन शुरू हो गया। हालत इतनी खराब है कि, बालिग-नाबालिग सभी लड़के-लड़कियों को रोज़गार के नाम पर बाहर ले जाया जा रहा है।

ये भी पढ़ें:पश्चिम बंगाल में पोस्टर पर छिड़ी जंग, ममता के मंत्री ने शाह पर बोला बड़ा हमला

jharkhand-matter jharkhand-matter (PC: social media)

30 दिन की मेहनत और 8 हज़ार की आमदनी

रांची एयरपोर्ट में तमिलनाडु जाने वाली लड़कियो से जब पूछा गया तो उन लोगों ने बताया कि, 8000 रुपए प्रतिमाह की सैलरी मिलेगी। झारखंड में आमदनी नहीं है। लिहाज़ा, उन जैसी लड़कियों को बाहर जाने को विवश होना पड़ रहा है। हालांकि, इन युवतियों को बाहर जाकर होने वाली परेशानियों की जानकारी नहीं है। मौके पर मौजूद एटलस एक्सपोर्ट इंटरप्राइजेज के एचआर मैनेजर अबू ने बताया कि, सिलाई के काम के लिए लड़कियों को तमिलनाडु ले जाया जा रहा है। झारखंड में उनके लोगों ने लड़कियों को विभिन्न ज़िलों से परिवार की सहमति के साथ लाया है। ये लड़कियां जबतक वहां रहना चाहेंगी रह सकेंगी। हालांकि, इन लड़कियों को बाहर ले जाने को लेकर श्रम विभाग की ओर से कोई सहमति का पत्र नहीं दिखाया गया।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story