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झारखंड सरकार बच्चियों की शिक्षा के प्रति संवेदनशील, हुनरमंद बनाने पर ज़ोर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यूनिसेफ के बाल पत्रकारों की सराहना की है। बच्चों के सिलेबस में बाल विवाह और बाल श्रम कानून से संबंधित जानकारी होनी चाहिए।

Newstrack
Published on: 13 Nov 2020 5:39 PM IST
झारखंड सरकार बच्चियों की शिक्षा के प्रति संवेदनशील, हुनरमंद बनाने पर ज़ोर
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झारखंड सरकार बच्चियों की शिक्षा के प्रति संवेदनशील, हुनरमंद बनाने पर ज़ोर (Photo by social media)

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, सरकार बच्चियों की शिक्षा के प्रति संवेदनशील है। अगर एक बेटी शिक्षित होती है तो आने वाली पीढ़ी भी शिक्षित होगी। यूनिसेफ के बाल पत्रकारों से मुलाकात के दौरान उन्होने कहा कि, बाल पत्रकार की परिकल्पना अच्छी है। लॉकडॉन के दौरान बड़ों के साथ ही बच्चों को भी कई मुश्किलों से ग़ुज़रना पड़ा है। सरकार ने बच्चों के सिलेबस में कटौती की है। समय के साथ शिक्षा का महत्व भी बढ़ता जा रहा है। लिहाज़ा, सरकार का क्वालिटी एजुकेशन पर ज़ोर है।

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बाल पत्रकारों की सराहना

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यूनिसेफ के बाल पत्रकारों की सराहना की है। बच्चों के सिलेबस में बाल विवाह और बाल श्रम कानून से संबंधित जानकारी होनी चाहिए। ताकि, बच्चों के साथ ही गार्जियन भी कानून के बारे में जान सकें। कई लोग ग़रीबी की वजह से अपने बच्चों को बेच देते हैं। सरकार ने कानून तो बनाया है लेकिन जबतक लोग ग़रीबी से बाहर नहीं निकलेंगे ऐसी घटनाओं को रोका नहीं जा सकेगा। सरकार ग़रीबों के जीवन लस्तर में सुधार को लेकर प्रयासरत है।

jharkhand-matter jharkhand-matter (Photo by social media)

शिक्षा के साथ हुनर

यूनिसेफ के बाल पत्रकारों से मुलाकात के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि, बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ उन्हे हुनरमंद भी बनाया जाएगा। ताकि, रोज़गार तलाशने में दिक्कत न हो। शिक्षित होने के बाद भी अगर रोज़गार नहीं मिलता है तो युवा अवसाद में चले जाते हैं। अगर उनके हाथों में हुनर होगा तो रोज़गार मिलना आसान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि, यूनिसेफ बाल पत्रकारों के सहयोग से मैगजीन तैयार करे। शिक्षा विभाग बाल पत्रकारों की सोच को अन्य बच्चों तक पहुंचाएगी।

jharkhand-matter jharkhand-matter (Photo by social media)

क्या है बाल पत्रकार कार्यक्रम

झारखंड में यूनिसेफ वर्ष 2009 से बाल पत्रकार कार्यक्रम चला रहा है। इस साल रांची के पांच प्रखंडों के 550 से अधिक बाल पत्रकारों को बाल अधिकारों के बारे में जानकारी और ट्रेनिंग दी गई है। ये बच्चे पोषण, स्वास्थ्य, बाल विवाह, बाल श्रम और शिक्षा वग़ैरह को लेकर समाज में जागरुकता फैला रहे हैं। कोरोना काल में भी बच्चों ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की और उन्हे महामारी के बारे में जानकारी दी। अबतक 20 हज़ार से अधिक बच्चे बाल पत्रकार कार्यक्रम से जुड़ चुके हैं।

jharkhand-matter jharkhand-matter (Photo by social media)

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बहु-बेटियों की रक्षा करे सरकार- भाजपा

प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने कहा है कि, दिवाली के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रदेश की बहु-बेटियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लें। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि, वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अबतक 1200 बहु-बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो चुकी हैं। दर्जनों आदिवासी और दलित बेटियां गैंगरेप का शिकार हो चुकी हैं।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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