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रेप केस में सुलह कराना पड़ेगा भारी, पीड़ित परिवार पर बनाया दबाव तो खैर नहीं
अगर किसी ज़िले में किसी महिला या फिर बालिका का शव बरामद हो या फिर बलात्कार का मामला हो तो ज़िला के पुलिस कप्तान को तुरंत मौके पर पहुंचना होगा। इतना ही नहीं कोर्ट में मामला जाने तक एस.पी स्वयं मामले को देखेंगे।
झारखंड: रेप के मामले में पीड़ित परिवार पर दबाल डालकर ज़ुबान बंद कराना। पुलिस को दुष्कर्म की सूचना न देना और पंचायती कराकर मामले को रफा-दफा करना अब आसान नहीं होगा। झारखंड पुलिस ने साफ कर दिया है कि, पंचायती कराकर पीड़ित और आरोपी परिवार के बीच सुलह करा देना या फिर पुलिस को सूचना न देना भारी पड़ सकता है।
पंचायती कराने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई
झारखंड के डीजीपी एम.वी.राव ने बताया कि, ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख्त क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होने साहेबगंज ज़िला का उदाहरण देते हुए बताया कि, पिछले दिनों रेप के मामले में पंचायती कराकर मामले को दबा दिया गया। जब पुलिस पीड़ित परिवार तक पहुंची तब जाकर प्राथमिकी दर्ज की गई। डीजीपी ने बताया कि, पंचायती कराने वालों की पहचान कराकर उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ज़िला के SP होंगे ज़िम्मेदार
झारखंड के पुलिस महकमा में नए प्रोटोकॉल के तहत काम शुरू किया जा रहा है। इस बाबत डीजीपी एम.वी. राव ने बताया कि, अगर किसी ज़िले में किसी महिला या फिर बालिका का शव बरामद हो या फिर बलात्कार का मामला हो तो ज़िला के पुलिस कप्तान को तुरंत मौके पर पहुंचना होगा। इतना ही नहीं कोर्ट में मामला जाने तक एस.पी स्वयं मामले को देखेंगे। इसपर किसी प्रकार की लापरवाही होती है तो पूरे मामले की ज़िम्मेदारी ज़िला के पुलिस अधीक्षक की होगी।
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वाह्टसअप पर अबतक 108 शिकायतें
झारखंड पुलिस ने पिछले दिनों दो वाह्टसअप नंबर जारी किया था जिसपर महिला या फिर बालिका यौन शोषण समेत अन्य अपराधों की जानकारी दी जा सकती है। नंबर जारी करने के बाद से अबतक 108 मामलों की शिकायत की गई है। राजधानी रांची से सबसे अधिक 28 मामले सामने आएं हैं। जबकि, साहेबगंज, जामताड़ा और खूंटी ज़िला से एक भी शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। दर्ज मामलों में ज्यादातर शादी का झांसा देकर यौन शोषण और घरेलू हिंसा से संबंधित हैं।
महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि
झारखंड पुलिस के मुखिया एम.वी राव की मानें तो महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को पुलिस सर्वोपरि मानती है। इसमें किसी तरह की कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। यही वजह है कि, पुलिस महकमा ने विभागीय अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय कर दी है। कोई भी इसमें लापरवाही नहीं बरत सकता है। हालांकि, पिछले दिनों डीजीपी साहब ने कहा था कि, समाज और परिवार को भी अपनी ज़िम्मेदारी समझनी पड़ेगी। बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के लिए सिर्फ पुलिस को कटघरे में खड़ा नहीं किया जा सकता है।
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महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को लेकर भाजपा हमलावर
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार आने के बाद से महिलाओं के प्रति हिंसा बढ़ी है। भाजपा इस आरोप के आधार पर राज्य सरकार को घेरना चाहती है। पार्टी ने पिछले दिनों आंकड़े जारी करते हुए बताया कि, राज्य में हर दिन दुष्कर्म की 05 वारदात हो रही है। पिछले 213 दिनों में सूबे में 1033 बलात्कार की घटनाएं हो चुकी हैं। विधानसभा उपचुनाव में भी प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा इस मामले को ज़ोरशोर से उठा रही है। पार्टी का आरोप है कि, हेमंत सरकार में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट
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