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जम्मू कश्मीर के इस दिग्गज नेता पर लगा PSA, अब जायेंगे जेल

कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती के बाद अब पूर्व में प्रशासनिक पद पर रहे शाह फैसल पर भी बड़ी कानूनी कार्रवाई की गयी है।

Shivani Awasthi
Published on: 15 Feb 2020 6:52 AM GMT
जम्मू कश्मीर के इस दिग्गज नेता पर लगा PSA, अब जायेंगे जेल
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श्रीनगर: कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती के बाद अब पूर्व में प्रशासनिक पद पर रहे शाह फैसल पर भी बड़ी कानूनी कार्रवाई की गयी है। शाह फैसल पर जन सुरक्षा कानून यानी पीएसए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि आईएस टॉपर रहे फैसल जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से नजर बंद किये गये थे।

कौन है शाह फैसल:

दरअसल, शाह फैसल 2009 में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने वाले पहले कश्मीरी थे। उसके बाद जम्मू कश्मीर राज्य से एक सिविल सर्वेंट बने। वह जम्मू और कश्मीर राज्य में यूथ आइकॉन की तरह उभरे थे। बाद में उन्होंने पद से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा और दूसरी अलगाववादी पार्टियों के साथ राजनीतिक गठबंधन किया। शाह फैसल जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) के अध्यक्ष हैं।

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आर्टिकल 370 हटने के बाद से थे नजरबंद:

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद शाह फैसल को 14 अगस्त 2019 को हिरासत में ले लिया गया था। बाद में उन्हें कस्टडी में लेकर एमएलए हॉस्टल में रखा गया था। इन दिनों वह श्रीनगर में ही हिरासत में हैं। वहीं अब फैसल पर कठोर प्रावधानों वाले जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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क्या है पीएसए:

-जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत दो प्रावधान हैं-लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को खतरा। पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।

-पब्लिक सेफ्टी एक्ट यानी जन सुरक्षा कानून बिना मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक की गिरफ्तारी या नज़रबंदी की अनुमति देता है।

-यह कानून 1970 के दशक में जम्मू-कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए लागू किया गया था, क्योंकि उस समय ऐसे अपराध में शामिल लोग मामूली हिरासत के बाद आसानी से छूट जाते थे।

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-पीएसए के तहत सरकार 18 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक बिना मुकदमा चलाए हिरासत में रख सकती है।

-कश्मीर में हाल के दौर में इस कानून का इस्तेमाल आतंकवादियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों के खिलाफ किया जाता था।

इन पर भी पीएसए की हुई कार्रवाई:

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद राज्य के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, अली मोहम्मद सागर आदि पर भी जन सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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