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कौन हैं जोनास मसेटी, PM मोदी ने ऐसे किया याद, स्वामी दयानंद से ली थी शिक्षा

स्वामी दयानंद के साथ ही, मसेटी ने समानांतर तौर पर ग्लोरिया और स्वामी साक्षातकर्तानंद से भी शिक्षा ली है। कुछ प्रोग्राम में अब मसेटी साथ लेक्चर दिया करते हैं। इस वर्ष भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित करने का ऐलान भी किया था। स्वामी​ चिन्मयानंद से 1970 के दशक से ग्लोरिया ने भारतीय ज्ञान की शिक्षा ली।

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Published on: 1 Dec 2020 6:38 AM GMT
कौन हैं जोनास मसेटी, PM मोदी ने ऐसे किया याद, स्वामी दयानंद से ली थी शिक्षा
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कौन हैं जोनास मसेटी, PM मोदी ने ऐसे किया याद, स्वामी दयानंद से ली थी शिक्षा

नई दिल्‍ली। अवाम के साथ 'मन की बात' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की संस्कृति और शास्त्र के के महत्व पर जिक्र किया । पीएम मोदी ने कहा कि संस्कृति और शास्त्र दुनियां के लिए हमेशा अध्यात्म का केंद्र रहा है। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने जॉनस मसेटी जिक्र किया। ब्राजील के जोनस मसेटी के बारे में बताया की कैसे जोनस मसेटी चार साल रहने के बाद आज टेक्नॉलजी के जरिये से भारतीय वेदांतों का संदेश विश्वभर में पहुंचा रहे हैं।

जॉनस ने वेदांत और गीता पर ब्राजील में ज्ञान दिया

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मसेटी के काम की भरपूर तारीफ करते हुए कहा कि कुछ लोग भारत स्वयं की तलाश में आते हैं और यहीं के होकर रह जाते हैं, लेकिन कुछ भारत के सांस्कृतिक दूत बनकर वापिस लौट जाते हैं, जोनास मसेटी जिन्हें विश्वनाथ भी कहते हैंके काम के बारे में पता चला। जोनास मसेटी ने वेदांत और गीता पर ब्राजील में ज्ञान दिया है। वह 'विश्वविद्या' नाम का संगठन चला रहे हैं जो पेट्रोपोलिस की पहाड़ियों में स्थित है और रियो डि जनेरो से कुछ ही दूर है।' इस संस्था में सैकड़ों छात्र आते हैं और भारत के प्राचीन और पवित्र माने जाने वाले ग्रंथों का अध्ययन करते हैं।

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आर्ष विद्या गुरुकुलम में शिक्षा दीक्षा ली

मसेटी गीता, वेदांत के साथ ही संस्कृत और वैदिक संस्कृति के बारे में भी पढ़ाते हैं। जॉनस मसेटी मकैनिकल इंजिनियरिंग कि डिग्री पूरी किया। वह भारतीय संस्कृति के प्रति प्रभावित हुए, विशेषकर वेदांत के प्रति। फिर वह कोयंबटूर स्थित आर्ष विद्या गुरुकुलम में चार साल बिताकर विधिवत भारतीय संस्कृति, वेदांत और हिंदू विचारों के बारे में शिक्षा दीक्षा ली। जोनास मसेटी ने पहले स्टॉक मार्केट कंपनी चला चुके है और यह वित्तीय कंपनी अभी भी चला रहे हैं। पीएम मोदी, जोनास मसेटी,की एक और खासियत से प्रभावित हैं। जोनास मसेटी अपने संदेश को आगे पहुंचाने के लिए टेक्नॉलजी का का उपयोग करते हैं। वह रोज ऑनलाइन प्रोग्राम के साथ पॉडकास्ट करते हैं।

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जोनास मसेटी ने पीएम मोदी दी बधाई

मसेटी अक्सर सोचते है कि 'परिवार, प्रेमिका, दौलत और सफलता के बावजूद पूर्णता और संतुष्टि क्यों नहीं है?' इस सोच के अपना संशय को मिटाने के साथ वो भारत आये। स्वामी दयानदं सरस्वती के मार्गदर्शन में वेदांत की शिक्षा ली। मसेटी अपनी शिक्षा संस्था में देते ही हैं इसके साथ ही ऑनलाइन गतिविधियों में मसेटी काफी सक्रिय हैं। सोशल मीडिया जुड़ कर पॉडकास्ट, यूट्यूब जैसे कई जरियों को अपना माध्यम बना कर लेक्च ऑनलाइन कोर्स भी करवाते हैं। मसेटी एक बड़ा काम एक ऐसी भाषा में कर रहे हैं जिसे समझने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है। पीएम मोदी ने ने 7 सालों में डेढ़ लाख से भी ज़्यादा छात्रों को शिक्षा मिलने की बात कही। पीएम मोदी ने कहा मैं उनकी कोशिशों क लिए उन्हें बधाई देता हूं और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

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मसेटी प्रोग्राम में ग्लोरिया के साथ लेक्चर देते है

किसी भी ज्ञान को पाने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है। और भारतीय संस्कृति में गुरु की काफी महत्त्व होती है। स्वामी दयानंद के साथ ही, मसेटी ने समानांतर तौर पर ग्लोरिया और स्वामी साक्षातकर्तानंद से भी शिक्षा ली है। कुछ प्रोग्राम में अब मसेटी साथ लेक्चर दिया करते हैं। इस वर्ष भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित करने का ऐलान भी किया था। स्वामी​ चिन्मयानंद से 1970 के दशक से ग्लोरिया ने भारतीय ज्ञान की शिक्षा ली।

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