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MP में सियासी घमासान: सिंधिया ने बढ़ाया सस्पेंस, आज नहीं होंगे BJP में शामिल

मध्य प्रदेश में सियासी खेल जारी है।ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं। सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद साफ हो गया है कि अब वो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंगलवार शाम बीजेपी में शामिल होने की हलचल के बीच खबर आई

suman
Published on: 10 March 2020 2:27 PM GMT
MP में सियासी घमासान: सिंधिया ने बढ़ाया सस्पेंस, आज नहीं होंगे BJP में शामिल
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भोपाल: मध्य प्रदेश में सियासी खेल जारी है।ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का हाथ छोड़ चुके हैं। सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद साफ हो गया है कि अब वो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंगलवार शाम बीजेपी में शामिल होने की हलचल के बीच खबर आई कि सिंधिया 12-13 मार्च को बीजेपी में शामिल होंगे।

खबरों के अनुसार, सिंधिया दिल्ली में नहीं, बल्कि भोपाल में बीजेपी में शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि सिंधिया दिल्ली से ग्वालियर जाएंगे इसके बाद 12-13 मार्च को भोपाल में बीजेपी में शामिल होंगे।

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बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी तो मध्य प्रदेश में हड़कंप मच गया है। सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। जिससे कमलनाथ सरकार खतरे में आ गई है। सिंधिया के बगावती तेवर के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने की कगार पर है।

12 मार्च को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके समर्थक माने जाने वाले 22 विधायकों ने राज्यपाल के पास इस्तीफा भेज दिया है। बीजेपी नेता गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा समेत पार्टी के कई नेताओं ने विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति से मुलाकात की और 19 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे सौंपे।

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इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिंधिया पर लोगों और विचारधारा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि ऐसे नेताओं के बारे में क्या कहा जाए, जिन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए राष्ट्रीय संकट के समय भाजपा से हाथ मिला लिया। खासकर ऐसे समय में, जब भाजपा अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थाओं, सामाजिक तानेबाने और न्यायपालिका तक को ध्वस्त कर रही है।

अशोक गहलोत ने ये टिप्पणियां तब की, जब सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की।इससे पहले, सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में सिंधिया ने लिखा कि वह कांग्रेस के साथ रहकर जनसेवा नहीं कर पा रहे हैं।

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