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कमलनाथ का चुनाव आयोग पर कोरोना बम, बैलेट से चुनाव की मांग

ईवीएम से उपचुनाव न कराने को लेकर वजह बताई है कि हर मतदान केंद्र पर औसतन एक हजार से बारह सौ वोटर वोट डालते हैं। मतदान के लिए वोटरों को बार-बार ईवीएम के बटन दबाने होंगे। ऐसे में ईवीएम के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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Published on: 22 July 2020 12:01 PM GMT
कमलनाथ का चुनाव आयोग पर कोरोना बम, बैलेट से चुनाव की मांग
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना महामारी को देखते हुए आगामी विधानसभा उपचुनाव बैलेट पेपर के जरिए कराए जाने चाहिए। कमलनाथ राज्य के कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। कमलनाथ ने राज्य में 26 सीटों पर होने वाले उपचुनाव मतपत्र से कराने का सुझाव दिया है।

निर्वाचन आयोग ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से देश में आगामी चुनावों के दौरान प्रचार पर उनके विचार और सुझाव मांगे थे। आयोग ने एक पृष्ठ के पत्र में सभी पार्टियों से 31 जुलाई तक जवाब मांगा था। बता दें कि इस साल मध्य प्रदेश समेत कुछ राज्यों में उपचुनाव जबकि बिहार में विधानसभा का चुनाव होने हैं।

ईवीएम नहीं भा रही कांग्रेस को

कमलनाथ के इस बयान पर अभी कोई रिएक्शन नहीं आया है लेकिन इससे एक बात साफ हो गई है कि 2014 के चुनाव के बाद से ईवीएम कांग्रेस को फूटी आंख नहीं सुहा रही है। कमलनाथ का बयान इसी रुख की एक कड़ी है। कांग्रेस अब कोरोना की आड़ में एक बार फिर ईवीएम पर निशाना साधना चाह रही है। मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में ईवीएम की जगह मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग उसके मंसूबे उजागर कर दे रही है।

ईवीएम के जरिए 2018 में विधानसभा चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश में 15 साल के सत्ता का वनवास खत्म करने वाली कांग्रेस ने उसके बाद से लगातार ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। अब उपचुनाव की आहट के बीच कमलनाथ के बयान से ईवीएम एक बार फिर कांग्रेस के निशाने पर दिखाई दे रही है।

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जानकारों का कहना है कि कांग्रेस को पहले ईवीएम में गड़बड़ी होने का शक था लेकिन अब ईवीएम जरिये कोरोना फैलने का डर उसको सता रहा है, इसीलिए कमलनाथ ने ये मांग की है कि आगामी उपचुनाव ईवीएम नहीं बल्कि मतपत्र यानी बैलेट पेपर से हो।

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कांग्रेस ने चुनाव आयोग को इस बाबत जो पत्र कमलनाथ ने लिखा है उसमें ईवीएम से उपचुनाव न कराने को लेकर वजह बताई है कि हर मतदान केंद्र पर औसतन एक हजार से बारह सौ वोटर वोट डालते हैं। मतदान के लिए वोटरों को बार-बार ईवीएम के बटन दबाने होंगे। ऐसे में ईवीएम के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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