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Karnataka Election Result: ढह गया दक्षिण भारत में BJP का अकेला दुर्ग, अब 2024 की राह भी हुई मुश्किल

Karnataka Election Result: कर्नाटक को दक्षिण भारत में भाजपा का अकेला मजबूत दुर्ग माना जाता रहा है मगर राज्य विधानसभा के चुनावी नतीजों के मुताबिक भाजपा का दक्षिण भारत में यह अकेला दुर्ग भी ढह गया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 13 May 2023 3:16 PM GMT (Updated on: 13 May 2023 3:19 PM GMT)
Karnataka Election Result: ढह गया दक्षिण भारत में BJP का अकेला दुर्ग, अब 2024 की राह भी हुई मुश्किल
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दक्षिण भारत में बीजेपी का दुर्ग ढहा ( सोशल मीडिया)

Karnataka Election Result: कर्नाटक को दक्षिण भारत में भाजपा का अकेला मजबूत दुर्ग माना जाता रहा है मगर राज्य विधानसभा के चुनावी नतीजों के मुताबिक भाजपा का दक्षिण भारत में यह अकेला दुर्ग भी ढह गया है। भाजपा ने अपने इस दुर्ग को बचाने के लिए काफी कोशिश की और प्रचार के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के सभी दिग्गजों ने धुआंधार प्रचार किया मगर फिर भी राज्य के मतदाताओं ने इस बार बदलाव के पक्ष में मतदान करते हुए राज्य में कांग्रेस की सरकार का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। मजे की बात यह है कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में अपनी सरकार बनाएगी।

2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा को इस हार से करारा झटका लगा है। जानकारों का मानना है कि इससे पार्टी की दक्षिण भारत में पैठ बनाने की आगे की सियासी योजनाओं पर भी काफी असर पड़ेगा। तेलंगाना में भी इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा राज्य में मुख्यमंत्री केसीआर की मजबूत घेरेबंदी में जुटी हुई है मगर बाहर से भाजपा के मिशन तेलंगाना पर भी असर पड़ना तय है। इसके साथ ही कर्नाटक की सियासी हार से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी बड़ा असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

2014 और 2018 के चुनावों में बड़ी जीत

कर्नाटक दक्षिण भारत का अकेला ऐसा राज्य है जहां भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। यदि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों को देखा जाए तो भाजपा कर्नाटक में अपनी ताकत बढ़ाने में कामयाब हुई थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में येदियुरप्पा के भाजपा से अलग होने पर पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा था और पार्टी को सिर्फ 20 फ़ीसदी वोट हासिल हुए थे मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 43 फ़ीसदी वोट हासिल किए थे। भाजपा को राज्य की 28 में से 17 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के वोट प्रतिशत में 7 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी मगर फिर भी भाजपा 104 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस को 78 और जद एस को 37 सीटों पर जीत मिली थी।

2019 के चुनाव में मिली थीं 25 सीटें

कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस और जद एस को बैकफुट पर धकेल दिया था। 2019 के चुनाव में भाजपा ने राज्य में 51 फ़ीसदी वोट हासिल किए थे। भाजपा ने राज्य की 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को बुरी तरह हराया था। भाजपा समर्थित एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस और जद एस को सिर्फ एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई थी।

कर्नाटक की हार से लगा बड़ा झटका

2019 के लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी कामयाबी के बाद ही इस बार भाजपा पूरे आत्मविश्वास के साथ विधानसभा चुनाव की जंग में कूदी थी। पार्टी नेताओं की ओर से चुनाव नतीजे घोषित होने के दिन तक राज्य में जीत हासिल करने का दावा किया जा रहा था। पार्टी नेताओं को इतना भरोसा था कि उन्होंने एग्जिट पोल के नतीजों को भी गलत बताते हुए ठुकरा दिया था मगर कर्नाटक के मतदाताओं का फैसला भाजपा को बड़ी चोट पहुंचाने वाला साबित हुआ है।
सियासी जानकारों का मानना है कि कर्नाटक के चुनावी नतीजे से साफ हो गया है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को झटका लग सकता है। 2024 की सियासी जंग में भाजपा को कर्नाटक से काफी उम्मीदें हैं मगर इस चुनावी हार के बाद इन उम्मीदों को ग्रहण लगता दिख रहा है।

दक्षिण भारत में लोकसभा की 130 सीटें

दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में मिलाकर लोकसभा की कुल 130 सीटें हैं। मौजूदा समय में इनमें से भाजपा के पास सिर्फ 29 सीटें हैं और इन सीटों में अकेले 25 सीटें कर्नाटक से ही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में भाजपा 4 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी।

तेलंगाना और कर्नाटक को छोड़कर भाजपा को दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। ऐसे में कर्नाटक की हार भाजपा के मिशन दक्षिण को बड़ा झटका देने वाली है। इन नतीजों से साफ हो गया है कि 2024 की सियासी जंग में भाजपा के लिए अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में खाता खोलना काफी मुश्किल साबित होगा।

मिशन 2024 में मुश्किल होगी राह

भाजपा की ओर से तैयार की गई सियासी रणनीति के मुताबिक कर्नाटक में जीत हासिल करने के बाद पार्टी अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में पांव पसारना चाहती थी। तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और कर्नाटक से निकला सियासी संदेश तेलंगाना पर भी असर डालने वाला साबित हो सकता है। तेलंगाना में केसीआर की मजबूत पकड़ मानी जाती रही है मगर हाल के दिनों में भाजपा ने तेलंगाना में अपने संगठन को मजबूत बनाने के लिए कई कार्यक्रम किए हैं।

पार्टी ने काफी दिनों से केसीआर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है मगर अब भाजपा का तेलंगाना मिशन भी प्रभावित हो सकता है। तेलंगाना के विधानसभा चुनाव के साथ ही 2024 में भी भाजपा की राह में बड़ी मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि कर्नाटक में लगे बड़े सियासी झटके की भरपाई करने के लिए भाजपा की ओर से आने वाले दिनों में क्या रणनीति अपनाई जाती है।

Anshuman Tiwari

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