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Karnatka News: कर्नाटक में जारी है पुरानी सरकार के फैसलों की समीक्षा, अब धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द करने का फैसला

Karnatka News: कर्नाटक में भारी जनादेश के साथ सत्ता में आई कांग्रेस लगातार पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को या तो पलट रही है या उसकी समीक्षा कर उसमें संशोधित कर रही है। इनमें वो कानून भी शामिल है, जो बीजेपी-आरएसएस के एजेंडे से जुड़ा है, जिसका विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया था।

Krishna Chaudhary
Published on: 15 Jun 2023 1:00 PM GMT
Karnatka News: कर्नाटक में जारी है पुरानी सरकार के फैसलों की समीक्षा, अब धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द करने का फैसला
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 कर्नाटक के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल: Photo- Social Media

Karnatka News: कर्नाटक में भारी जनादेश के साथ सत्ता में आई कांग्रेस लगातार पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को या तो पलट रही है या उसकी समीक्षा कर उसमें संशोधित कर रही है। इनमें वो कानून भी शामिल है, जो बीजेपी-आरएसएस के एजेंडे से जुड़ा है, जिसका विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया था। राज्य की नई-नवेली सिद्धारमैया सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द करने का निर्णय लिया है।

कर्नाटक के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने इसकी जानकारी देते हुऐ बताया कि गुरूवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस कानून को रद्द करने के फैसले पर मुहर लग गई है। बीते साल सितंबर में जब बीजेपी सरकार ने इस बिल को विधानसभा में लाया था तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और मौजूदा सीएम सिद्धारमैया ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि हमारा कानून प्रलोभनों और धमकियों के जरिए जबरन धर्मांतरण को रोकने में सक्षम है। फिर नए कानून की क्या जरूरत है ? उन्होंने तब कहा था कि इसका कानून को लाने का एकमात्र मकसद अल्पसंख्यकों को डराना और धमकाना है।

दरअसल, बीजेपी ने धर्मांतरण विरोधी इस कानून को विधानसभा में बहुमत होने के कारण वहां से पारित तो करवा लिया था। लेकिन विधान परिषद में मामला अटक गया। कांग्रेस और जेडीएस दोनों के विरोध में होने के कारण बीजेपी जरूरी संख्याबल जुटा नहीं पाई और बिल विधान परिषद में ही लटक गया। इस साल चुनाव से ऐन पहले अध्यादेश के माध्यम से इसे पास कर दिया गया था। बीजेपी ने इस पर कहा था कि राज्य में धर्म परिवर्तन आम हो गया है, जिसपर लगाम के लिए धर्मांतरण विरोधी सख्त कानून जरूरी है।

इस फैसले को भी पलट गया

कर्नाटक सरकार ने पूर्व की सरकार के एक और फैसले को भी पलट दिया है। दरअसल, सत्ता में रहते हुए बीजेपी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार से जुड़े अध्यायों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करवाया था। जिसे मौजूदा कांग्रेस सरकार ने हटा दिया है। कानून मंत्री एचके पाटिल ने आगे बताया कि अब स्कूल-कॉलेजों में प्रेयर के साथ-साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य कर दिया है।

बता दें कि कर्नाटक के पशुपालन मंत्री बीजेपी सरकार के दौरान पारित किए गए सख्त गोहत्या कानून को भी वापस लेने का इशारा कर चुके हैं।

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