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Karnataka Election Result: कांग्रेस की जीत में सुरजेवाला की बड़ी भूमिका, जानिए क्यों फुस्स हो गया भाजपा का अभियान

Karnataka Election Result: सुरजेवाला की 24 घंटे निगरानी में पार्टी ने स्थानीय नेताओं और स्थानीय मुद्दों को चुनाव अभियान की शुरुआत से लेकर अंत तक हमेशा सर्वोपरि बनाए रखा।

Anshuman Tiwari
Published on: 13 May 2023 5:51 PM GMT
Karnataka Election Result: कांग्रेस की जीत में सुरजेवाला की बड़ी भूमिका, जानिए क्यों फुस्स हो गया भाजपा का अभियान
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कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला (photo: social media )

Karnataka Election Result : कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करके कांग्रेस ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। कांग्रेस को मिली इस बड़ी जीत में पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता के बदले मूड को बड़ा कारण माना जा रहा है मगर इसके साथ ही कांग्रेस के कुछ नेताओं की मेहनत ने भी बड़ा असर दिखाया है। कांग्रेस की इस जीत में पार्टी महासचिव और कर्नाटक के कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में सुरजेवाला ने चुनावी रणनीति और पार्टी के चुनाव प्रबंधन में मुख्य सूत्रधार की भूमिका निभाई है। सुरजेवाला की 24 घंटे निगरानी में पार्टी ने स्थानीय नेताओं और स्थानीय मुद्दों को चुनाव अभियान की शुरुआत से लेकर अंत तक हमेशा सर्वोपरि बनाए रखा। यही कारण था कि भाजपा की ओर से उठाए गए यूनिफॉर्म सिविल कोड और बजरंगबली जैसे मुद्दे भी कांग्रेस की चुनावी जीत को कमजोर नहीं बना सके।

सुरजेवाला को 2020 में मिली थी कर्नाटक की जिम्मेदारी

कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला को 2020 में कर्नाटक का प्रदेश प्रभारी बनाया गया था। सुरजेवाला से पहले पार्टी के प्रदेश प्रभारी की भूमिका कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल निभा रहे थे। सुरजेवाला को कर्नाटक का प्रभारी बनाए जाने से पहले राज्य कांग्रेस के दो सबसे बड़े नेताओं डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच स्पष्ट रूप से मतभेद दिख रहे थे।

राज्य का प्रभारी बनने के बाद सुरजेवाला ने शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच मतभेद खत्म करने का भरसक प्रयास किया। उनकी कोशिश का नतीजा भी दिखा और हमेशा एक-दूसरे से कटे रहने वाले दोनों नेता कई मौकों पर एक मंच पर दिखने लगे। सुरजेवाला ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पिछले साल इन दोनों नेताओं को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

सिद्धारमैया और शिवकुमार को बनाए रखा एकजुट

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने में भी सुरजेवाला ने इन दोनों नेताओं की राय को काफी अहमियत दी थी। इसके साथ ही यह भी प्रयास किया था कि इन दोनों नेताओं के बीच किसी भी प्रकार का टकराव न पैदा हो सके। यह सुरजेवाला के सियासी कौशल का ही नतीजा था कि कांग्रेस के पूरे चुनाव प्रचार के दौरान दोनों नेता एकजुट दिखे और दोनों के बीच किसी प्रकार के टकराव की खबर नहीं आई।

इस मामले में सुरजेवाला को पार्टी नेतृत्व की ओर से भी मदद मिली। कांग्रेस के इन दोनों बड़े चेहरों के बीच टकराव का पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर बुरा असर पड़ सकता था मगर सुरजेवाला की वजह से पार्टी एकजुटता का संदेश देने में कामयाब रही।

स्थानीय नेताओं और स्थानीय मुद्दों को अहमियत

इसके साथ ही कर्नाटक के चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस में स्थानीय नेताओं और स्थानीय मुद्दों को काफी ज्यादा अहमियत दी। इसके पीछे भी रणदीप सिंह सुरजेवाला का दिमाग ही माना जा रहा है। कांग्रेस के घोषणापत्र में स्थानीय मुद्दों को उठाकर जनता के साथ बड़े चुनावी वादे किए गए थे। इन चुनावी वादों ने कर्नाटक के मतदाताओं को काफी आकर्षित किया।

कर्नाटक में कांग्रेस को मिली पहली जीत बड़ी जीत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पहले दिन पहली कैबिनेट बैठक में ही जनता से किए गए पांच बड़े वादों को पूरा करने का ऐलान कर दिया है।

भाजपा के खिलाफ पुख्ता चुनावी रणनीति

स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाने और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा को मजबूती से घेरने के पीछे भी रणजीत सिंह सुरजेवाला की रणनीति को ही बड़ा कारण माना जा रहा है। जहरीले सांप और बजरंगबली जैसे मुद्दों से निपटने में कांग्रेस की ओर से दिखाई गई आक्रामकता और तत्परता सुरजेवाला की चुनावी रणनीति के कौशल का ही नतीजा थी।

भाजपा की ओर से बजरंगबली का मुद्दा उठाए जाने के बाद कांग्रेस ने तीखा जवाब देते हुए कहा था कि वह राज्य में हनुमान मंदिरों का निर्माण करने के साथ ही पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार भी करेगी। ऐसे में भाजपा की ओर से जोरदार ढंग से उठाया गया बजरंगबली का मुद्दा भी चुनाव में उसकी नैया पार नहीं लगा सका।

इन नेताओं ने भी निभाई बड़ी भूमिका

रणदीप सिंह सुरजेवाला के अलावा चार अन्य नेताओं की भी कांग्रेस को मिली बड़ी जीत का कारण माना जा रहा है। ताकतवर लिंगायत नेता एमबी पाटिल को राज्य में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। शक्तिशाली लिंगायत नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को कांग्रेस में शामिल कराने में पाटिल की बड़ी भूमिका थी। कांग्रेस के चुनाव अभियान की रूपरेखा बनाने और विभिन्न जनसभाएं व रोड शो के आयोजन के पीछे भी पाटिल का ही दिमाग था।

जी परमेश्वर को कांग्रेस के घोषणा पत्र नीति और विजन समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। कांग्रेस के घोषणापत्र ने भी कर्नाटक के मतदाताओं को प्रभावित करने में बड़ी भूमिका निभाई। पूर्व में आईएएस अफसर रहे शशिकांत सेंथिल और सुनील कोनुगोलू ने कांग्रेस की चुनावी रणनीति बनाने और भाजपा की घेरेबंदी में प्रमुख भूमिका निभाई। कोनुगोलू इससे पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी काम कर चुके हैं। अब उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत में प्रमुख भूमिका निभाकर अपनी छाप छोड़ी है।

Anshuman Tiwari

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