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Karnataka Election Result 2023: कर्नाटक में बीजेपी का भविष्य माने जाने वाले सीटी रवि को येदियुरप्पा ने निपटाया!
Karnataka Election Result 2023: कांग्रेस पार्टी ने लंबे अंतराल के बाद एक बड़ा राज्य में बीजेपी से सत्ता छिनी है। शनिवार 13 मई को आए परिणाम में भारतीय जनता पार्टी के कई दिक्कजों को हार का मुंह देखना पड़ा।
Karnataka Election Result 2023: कर्नाटक में चुनाव परिणाम आने के बाद जहां कांग्रेसी खेमे में जश्न का माहौल है, वहीं भाजपाई खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने लंबे अंतराल के बाद एक बड़ा राज्य में बीजेपी से सत्ता छिनी है। शनिवार 13 मई को आए परिणाम में भारतीय जनता पार्टी के कई दिक्कजों को हार का मुंह देखना पड़ा। बसवराज बोम्मई मंत्रिमंडल के 12 चेहरे अपनी सीट बचा नहीं पाए। लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जिस एक चेहरे की हार को लेकर सबसे अधिक चर्चा है, वह है बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री सीटी रवि का।
चिकमंगलूर विधानसभा सीट से लगातार चार बार के विधायक सीटी रवि इस बार अपनी सीट बचा नहीं पाए। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार ने पांच हजार से अधिक मतों से चुनाव हरा दिया। कर्नाटक के फायरब्रांड नेता के तौर पर पहचान रखने वाले रवि अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों और विवादों में रहते हैं। उन्हें संघ परिवार के साथ-साथ पीएम मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है। राजनीतिक हलकों में कर्नाटक में 55 वर्षीय इस युवा नेता को बीजेपी का भविष्य माना जाता है।
येदियुरप्पा के करीबी ने रवि को हराया
पूर्व मंत्री सीटी रवि 2004 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। इसलिए इस बार भी उनकी जीत पक्की मानी जा रही थी। कांग्रेस ने चिकमंगलूर सीट पर उनके खिलाफ एचडी थम्मैया को मैदान में उतारा। कांग्रेस का ये दांव सफल रहा और थम्मैया ने रवि को 5 हजार 926 वोटो से हराकर बीजेपी के इस गढ़ को ध्वस्त कर दिया। दिलचस्प बात ये है कि थम्मैया चुनाव से ऐन पहले बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें पूर्व सीएम और कद्दावर लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा के करीबियों में गिना जाता है।
येदियुरप्पा के खिलाफ मुखर रहे हैं सीटी रवि
सीटी रवि के इस पराजय के पीछ पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को यूं ही नकारा नहीं जा सकता। कर्नाटक बीजेपी में रवि उस लॉबी के बड़े चेहरे हैं, जिन्होंने येदियुरप्पा और उनके बेटे के खिलाफ बयानबाजी करने में जरा भी संकोच नहीं दिखाई है। रवि ने पिछले दिनों टिकट वितरण को लेकर कहा था कि वरिष्ठ बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा की रसोई में पार्टी के टिकट तय नहीं होंगे।
इससे पहले उन्होंने एक बयान दिया था कि येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयेंद्र अब पार्टी में प्रभावशाली नहीं रह गए हैं। वोक्कालिगा समुदाय से आने रवि के इस बयान का लिंगायत संगठनों ने तीखा विरोध किया था। उन्होंने बीजेपी को धमकी तक दे डाली थी, जिसके बाद आलाकमान ने रवि को अपने बयानों में सतर्कता बरतने की नसीत दी थी।
येदियुरप्पा और उनके बेटे विजयेंद्र के लिए हमेशा से बीजेपी में एक बड़ी चुनौती रहे हैं। जब येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे तब सीटी रवि ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि भाजपा मूल्यों पर आधारित पार्टी है और हम करप्शन को टॉलरेट नहीं कर सकते हैं। सीटी रवि ने हमेशा से पार्टी पर येदियुरप्पा और उनके बेटे की पकड़ का विरोध किया है। रवि ने चुनाव से पहले विजयेंद्र का बिना नाम लेते हुए निशाना साधते हुए कहा था कि किसी को केवल इस बात के लिए टिकट नहीं मिलेगा की वो किसी नेता का बेटा है। ऐसे में लिंगायत नेता के करीबी के हाथों मिली शिकस्त को उनके बदले के तौर पर भी देखा जा रहा है। बता दें कि येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र पिता की परंपरागत सीट शिकारीपुरा से बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे।
कौन हैं सीटी रवि ?
सीटी रवि का पूरा नाम चिक्कमगरवल्ली थिम्मे गौड़ा रवि है। 18 जुलाई 1967 को जन्मे रवि शुरू से ही भाजपाई रहे हैं। भाजपा कर्नाटक युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे रवि ने पहला चुनाव साल 1999 में चिकमंगलूर से लड़ा था। हालांकि, पहली बार उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार ने महज 932 वोट से हरा दिया था। इसके बाद 2004 में वह जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे और 2018 तक ये सिलसिला जारी रहा। 2012 में पहली बार मंत्री बनाए थे। सितंबर 2020 में जब वे येदियुरप्पा सरकार में पर्यटन मंत्री थे, तब उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था।
सीटी रवि विवादास्पद बयानों के लिए भी जाने जाते रहे हैं। पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को उन्होंने एक बार सिद्धारमुल्ला खान कह दिया था। जिसपर खूब हंगामा बरपा था। वे टीपू सुल्तान को लेकर भी विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंनें एकबार कहा था कि दो वोक्कालिगा योद्धाओं उरी गौड़ा और नान्जे गौड़ा ने टीपू को मारा था। बता दें कि सीटी रवि को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष का काफी करीबी माना जाता है।