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Karnataka Govt. Formation: कर्नाटक मुख्यमंत्री पर खड़गे के घर मीटिंग, माथापच्ची जारी...डीके शिवकुमार का दिल्ली दौरा रद्द
Karnataka Government Formation: कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची जारी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जिम्मेदारी सौंपी गई है। संभवतः आज फैसला हो सकता है।
Karnataka Government Formation: दक्षिणी राज्य कर्नाटक में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? बड़ी जीत के बावजूद कांग्रेस में ये सवाल जस के तस बना हुआ है। इसी मुद्दे पर पार्टी के भीतर मंथन जारी है। एक तरफ सिद्धारमैया ताल ठोके हैं तो दूसरी तरफ डीके शिवकुमार अपना 'हक़' मांग रहे हैं। अब गेंद कांग्रेस आलाकमान के पाले में है।
सिद्धारमैया (Siddaramaiah) विशेष विमान से दिल्ली पहुंच चुके हैं। कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) के भी जल्द आने की संभावना है। बता दें, कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। खड़गे के आवास पर सीएम को लेकर माथापच्ची जारी है।
कांग्रेस को मिली प्रचंड बहुमत
पार्टी पर्यवेक्षक सोमवार (15 मई) की रात तक अपनी रिपोर्ट कांग्रेस प्रेसिडेंट खड़गे को सौंप देंगे। गौरतलब है कि, हाल ही में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 224 सीटों में से 135 सीटें जीती। जबकि, बीजेपी महज 66 सेटों पर ही सिमट गई। जेडीएस तीसरे नंबर पर रही, जिसे 19 सीटें हासिल हुई।
पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के बाद अंतिम फैसला
कर्नाटक मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक जारी है। मीटिंग में कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) भी पहुंचें हैं। इसके अलावा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) भी मौजूद हैं। कांग्रेस पर्यवेक्षक से मुलाकात से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। कांग्रेस की ओर से नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक भंवर जितेंद्र (Bhanwar Jitendra) और दीपक बाबरिया (Deepak Babaria) भी खड़गे के आवास पर पहुंचने वाले हैं। वो अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेंगे। जिसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।
सिद्धारमैया vs डीके शिवकुमार, आखिर कौन?
कर्नाटक में बड़ी जीत के बावजूद मुख्यमंत्री पर रार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस इस वक़्त कर्नाटक में सिद्धारमैया बनाम शिवकुमार प्रश्न से जूझ रही है। कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बनने के लिए अपनी योग्यताएं गिनाई हैं, जबकि शिवकुमार अलग ही ताल ठोके हुए हैं। विधायक दल का नेता चुने जाने को लेकर सिद्धारमैया ने जोर दिया है। उन्होंने कहा कि, विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने बीजेपी सरकार के खिलाफ 'अथक लड़ाई' लड़ी, जिसका फल मिला है। बतौर मुख्यमंत्री एक और कार्यकाल पाने के लिए उनके पास अनुभव और लोकप्रियता दोनों है। साथ ही, वह पार्टी में सीनियर हैं। इसके अलावा यह उनका आखिरी मौका भी होगा।