
zनई दिल्ली: कर्नाटक मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि स्पीकर को खुली छूट है कि वह नियमों के हिसाब से फैसला करें। फिर चाहे वो इस्तीफे पर हो या फिर अयोग्यता पर हो।
इस लिहाज से गुरुवार को होने वाला फ्लोर टेस्ट होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि बागी विधायकों पर विधानसभा में जाने को लेकर कोई दबाव नहीं है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसलो को लेकर कांग्रेस नेता बंट गए हैं। कोई फैसले की आलोचना कर रहा है, तो कोई जीत बता रहा है।
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कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना की है, तो वहीं अदालत में स्पीकर की पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे अपनी जीत बताया है। उन्होंने कहा कि अदालत का फैसला हमारी जीत है, अब स्पीकर पर निर्भर करता है कि वो क्या फैसला लेते हैं।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी जीत है, कुछ लोगों के लिए गालिब का ख्याल अच्छा है, इसलिए इसको हमारे लिए झटका बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये कहते हुए न्यायलय ने अनुच्छेद 190 और नियम 202 का उल्लेख किया, जो कि हमारा पक्ष था।
ये कहते हुए न्यायलय ने अनुच्छेद 190 और नियम 202 का उल्लेख किया, जो कि हमारा पक्ष था : @DrAMSinghvi
— Congress Live (@INCIndiaLive) July 17, 2019
सिंघवी ने कहा कि अब इन याचिकाओं के आधार पर स्पीकर अपने अधिकार क्षेत्र में इस्तीफे को स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं। यह निर्णय पूरी तरह स्पीकर का होगा, जिसमें दखल देने से न्यायालय ने मना कर दिया।
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दूसरी तरफ रणदीप सुरजेवाला समेत अन्य नेता सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना कर रहे हैं, तो वहीं कर्नाटक कांग्रेस की तरफ से ट्वीट किया गया था कि ऑपरेशन कमल फेल होगा, सत्यमेव जयते!
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर फैसले पर आपत्ति जताई। सुरजेवाला ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक गलत उदाहरण पेश करता है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या अब अदालत विधानसभा की कार्रवाई में दखल देगी। रणदीप सुरजेवाला के अलावा दिनेश गुंडू राव ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत बताया है।
The #SupremeCourt verdict is now encroaching upon the rights of the Legislature.
This is a bad judgement which seems to protect the defectors and encourages horse trading and also violating the doctrine of separation of powers.#KarnatakaPoliticalCrisis— Dinesh Gundu Rao/ದಿನೇಶ್ ಗುಂಡೂರಾವ್ (@dineshgrao) July 17, 2019
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