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करवा चौथ पर इस समय दिखेगा चांद, इस मुहूर्त में करें पूजा, बरतें कुछ सावधानियां

करवा चौथ का व्रत  हर सुहागिन को रखना चाहिए । इससे वैवाहिक जीवन में खुशियां बढ़ती है। और पति-पत्नी का साथ उम्रभर के लिए बना रहता है।  करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाते है। जो इस बार 17 अक्टूबर 2019 को मनाया जाएगा।

suman
Published on: 27 July 2023 9:48 AM GMT
करवा चौथ पर इस समय दिखेगा चांद, इस मुहूर्त में करें पूजा, बरतें कुछ सावधानियां
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जयपुर: करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन को रखना चाहिए । इससे वैवाहिक जीवन में खुशियां बढ़ती है। और पति-पत्नी का साथ उम्रभर के लिए बना रहता है। करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाते है। जो इस बार 17 अक्टूबर 2019 यानि आज मनाया जाएगा।

इस व्रत को सुहागिन महिलाएं निर्जला रखती हैं। आजकल कुंवारी लड़कियां भी व्रत रखती हैं। इस दिन रात को चांद देखने के बाद व्रत तोड़ा जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सलामती के लिए व्रत रखती हैं, और कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर के लिए इस दिन व्रत रखती हैं।मेट्रो सिटीज में कई पति भी अपनी पत्नियों के साथ करवा चौथ का व्रत रखते हैं और वह अपनी पत्नी की लम्बी उम्र व साथ की कामना करते हैं।

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सरगी

इस व्रत में महिलाएं सुबह उठकर सरगी खाती हैं जो उन्हें उनकी सास देती है। सरगी की थाली में फल, ड्राई फ्रूट्स, मट्ठी, फैनी, साडी़ और ज्वैलरी होती है और सूर्योदय से पहले इसे खाने के बाद पूरे दिन कुछ खाया नहीं जाता है। उत्तर भारत खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश आदि में यह व्रत मनाया जाता है।

मुहूर्त

इस बार के करवा चौथ पूजा मुहूर्त। सायंकाल 5:46 से रात 7:02 बजे तक। चंद्रोदय का समय- रात 8:16 के बाद। पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें। एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं। पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर देनी चाहिए। इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं।पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सुनें या सुनाएं।

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चांद को छलनी से देखने के बाद अर्घ्य देकर चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए।चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए। इस दिन बहुएं अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रूपये आदि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेती हैं।

नियम और सावधानियां

वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं, जिनकी शादी हो गई है या जिनका रिश्ता तय है।ये व्रत निर्जल या केवल जल ग्रहण करके ही रखना चाहिए। व्रत रखने वाली कोई भी महिला काला या सफेद वस्त्र कतई न पहनें। इस व्रत के लिए लाल वस्त्र सबसे उत्तम माना गया है, पीला वस्त्र भी पहना जा सकता है।

आज के दिन महिलाओं को पूरे 16 श्रृंगार करने चाहिए। अगर कोई महिला अस्वस्थ है तो उसकी जगह उसके पति ये व्रत कर सकते हैं। व्रत की कथा पूरे मन से सुनें और इस दौरान किसी दूसरे से बातें न करें। चांद देखने के बाद मां गौरी की पूजा करें और भगवान को पूरी-हलवा के प्रसाद का भोग लगाएं। पूरे नियम से ये पर्व मनाने से महिलाओं का सौंदर्य भी बढ़ता है। करवाचौथ के दिन पति के साथ भूलकर भी लड़ाई न करें।

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