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दिल्ली में हाहाकार: रूक जाएगी पानी की सप्लाई, राष्ट्रपति भवन-PMO भी होंगे प्रभावित
दिल्ली को ब्यास नदी से कुल 25 फीसदी पानी की आपूर्ति की जाती है। लेकिन अब ब्यास नदी से मिलने वाले 496 क्यूसेक पानी की सप्लाई बंद किए जाने की तैयारी है। जिससे ना केवल आम जनता बल्कि VVIP, VIP लोग भी प्रभावित होंगे।
नई दिल्ली: दिल्लीवासियों को जल्द ही एक बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली को ब्यास नदी से मिलने वाले 496 क्यूसेक पानी की सप्लाई बंद किए जाने की तैयारी है। जिसके बाद भारी तादाद में लोगों को पानी की पेरशानी से जूझना होगा। क्योंकि दिल्ली में 25 फीसदी पानी की सप्लाई कम हो जाएगी।
VVIP, VIP भी होंगे प्रभावित
पानी की सप्लाई बंद होने से ना केवल आम जनता बल्कि VVIP, VIP लोग भी प्रभावित होंगे। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को ब्यास नदी से कुल 25 फीसदी पानी की आपूर्ति की जाती है। वहीं, अब 25 मार्च से 24 अप्रैल तक ब्यास हाइडल चैनल बंद रहेगा। जिससे दिल्ली में पानी को लेकर हाहाकार मच सकता है।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
दिल्ली में पानी के लिए मच जाएगा हाहाकार
बता दें कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की एजेंसी भांखड़ा नांगल मैनेजमेंट बोर्ड इसे रिपेयर मेंटेनेंस की वजह से बंद कर रही है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि मोदी सरकार ब्यास नदी से दिल्ली को मिल रहा 496 क्यूसेक पानी उसको एक महीने के लिए रोकने जा रही है। ऐसा होने पर दिल्ली में हाहाकार मच जाएगा।
सरकार को लिखा गया लेटर
दिल्ली के लोग पानी के लिए यमुना, गंगा और रावी-ब्यास नदी के साथ साथ भूमिगत पानी पर निर्भर हैं। राघव चड्ढा ने कहा कि इस मामले में केंद्र और हरियाणा सरकार के साथ बोर्ड को लेटर लिख मेंटेनेंस का काम स्थगित करने, राज्य में जल आपूर्ति कम न करने और इस मामले पर सभी हितधारकों के साथ बैठक बुलाने की मांग की है।
चार स्रोतों पर पानी के लिए निर्भर हैं दिल्लीवासी
वहीं, दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) राज्य को जल संकट से बचाने के लिए हर कोशिश करने में जुटी हुई है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि हमारी अपनी कोई वाटर बॉडी नहीं है, जिस वजह से राज्य के लोगों को जल आपूर्ति के लिए चार स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता है। इन सोर्सेस से आने वाले पानी को हम दिल्ली वासियों तक पहुंचाते हैं।
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(सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)
ये चार स्त्रोत हैं- यमुना नदी, गंगा नदी, रावी-व्यास नदी और भूमिगत पानी। हम इन चार बड़े स्रोतों से दिल्ली के घर-घर तक पानी की आपूर्ति करते हैं। वहीं, दिल्ली में गर्मियों में 25 फीसदी पानी की सप्लाई कम होती है तो फिर कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में भी पानी आपूर्ति पर प्रभाव पड़ सकता है। इनमें राष्ट्रपति का कार्यालय, निवास और राष्ट्रपति भवन, पीएमओ और निवास भी शामिल हैं। वहीं, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी और सारे अंतरराष्ट्रीय दूतावास भी दिल्ली में ही हैं।
जल्द बैठक बुलाने की बात
चड्ढा ने बताया कि हमने चिट्ठी लिख कर इस संबंध में जल्द से जल्द एक बैठक बुलाने की मांग की है। दिल्ली जल बोर्ड ने 19 फरवरी 2021 को लिखी चिट्ठी में साफतौर से कहा है कि दिल्ली वाले जलापूर्ति के लिए रावी व्यास नदी के पानी पर निर्भर हैं और आप पानी की आपूर्ति को न कम करें। उनसे अनुरोध किया गया है कि वे किसी और समय रिपेयर मेंटेनेंस का काम करें, जब दिल्ली में जलापूर्ति प्रभावित ना हो।
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