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केजरीवाल सरकार vs केंद्र: NCT एक्ट के संशोधित बिल पर दंगल, दिल्ली में फिर रार
सोमवार को केंद्र सरकार संसद में GNCTD एक्ट में बदलाव करने के लिए एक संशोधन बिल पेश किया। संशोधित बिल दिल्ली में उपराज्यपाल के अधिकारों को बढ़ाने वाला है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को एक बार फिर केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच रार देखने को मिली। एनसीटी एक्ट को लेकर केजरीवाल सरकार ने केंद्र को घेरा और इसे असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक करार दिया। दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एनसीटी एक्ट के संशोधित बिल के सदन में पेश होने पर नराजगी जताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठा दिए।
केंद्र ने संसद में पेश किया एनसीटी एक्ट का संशोधित बिल
दरअसल, सोमवार को केंद्र सरकार संसद में GNCTD एक्ट में बदलाव करने के लिए एक संशोधन बिल पेश किया। संशोधित बिल दिल्ली में उपराज्यपाल के अधिकारों को बढ़ाने वाला है। बिल में लिखा है कि इसके आने के बाद दिल्ली सरकार का मतलब होगा उप राज्यपाल।
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केजरीवाल का सवाल, LG दिल्ली की 'सरकार' तो चुनी हुई सरकार क्या करेगी
संसद में एनसीटी एक्ट के संशोधित बिल के पेश होने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर केंद्र पर हमला बोला। सीएम केजरीवाल ने सवाल किया, ये बिल कहता है कि दिल्ली में 'सरकार' का मतलब LG होगा, तो चुनी हुई सरकार क्या करेगी?
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SC के फैसले के खिलाफ सरकार का संशोधित NCT Bill
उन्होने कहा, सभी फाइल्स LG के पास जाएंगी। ये सुप्रीम कोर्ट के 4 जुलाई 2018 के फैसले के खिलाफ है, जिसमें कहा गया था कि फाइल्स LG को नहीं भेजी जाएंगी, चुनी हुई सरकार सभी फैसले लेगी और LG को फैसले की कॉपी ही भेजी जाएगी।
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मनीष सिसोदिया ने बोला सरकार पर हमलाः
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संशोधित बिल पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार का मतलब अब कुछ नहीं होगा। ये बहुत खतरनाक संशोधन है। उन्होंने बताया कि इस बिल के लागू होने पर जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को अपने फैसले की फाइल उप राज्यपाल के पास भेजनी पड़ेगी।
उनका कहना है कि ये बिल दिल्ली सरकार की शक्तियों को कम करने वाला है। नाराजगी जताते हुए केजरीवाल सरकार और आप ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उपराज्यपाल के पीछे से दिल्ली की सरकार चलाने की कोशिश कर रही है। वहीं कहा गया कि कहा कि यह पहली बार नहीं है कि केंद्र ने दिल्ली में आप सरकार को रोकने की कोशिश की हो।
NCT Act के संशोधित बिल पर विवाद क्यों
इस बिल के तहत दिल्ली के LG को अतिरिक्त शक्तियां मिल सकती हैं।
केंद्र के एनसीटी बिल के तहत दिल्ली सरकार को अपने फैसले लागू करने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी।
बिल में जो संशोधन किए गए, उसके मुताबिक दिल्ली सरकार को विधायिका से जुड़े फैसलों पर LG से 15 दिन पहले और प्रशासनिक फैसलों पर करीब 7 दिन पहले मंजूरी लेनी होगी।