TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

लाश की जूते-चप्पलों से पिटाई, ऐसे अंतिम संस्कार देख कांप उठेंगे आप

किन्नरों की जिंदगी जन्म से लेकर मृत्यु तक बहुत ही दर्दनाक होती है। किन्नरों की मौत होती है, तो इनका अंतिम संस्कार रात में किया जाता है। मृत किन्नर के शव को जूत-चप्पलों से पीटा जाता है।

Vidushi Mishra
Published on: 13 Jan 2021 5:00 PM IST
लाश की जूते-चप्पलों से पिटाई, ऐसे अंतिम संस्कार देख कांप उठेंगे आप
X
लाश की जूते-चप्पलों से पिटाई, किन्नरों का अंतिम संस्कार देख कांप उठेंगे आप

नई दिल्ली: किन्नरों के बारे में ऐसी मान्यता है कि इनके द्वारा दी गई दुआएं सफल होती हैं। कोई भी शुभ काम हो चाहे घर में शादी हो, बच्चा हुआ हो, किन्नर अपनी दुआ देने के लिए हमेशा पहुंच जाते हैं। लेकिन इनके श्राप से भी लोग बहुत डरते हैं। किन्नरों की जिंदगी जन्म से लेकर मृत्यु तक बहुत ही दर्दनाक होती है। किन्नरों की मौत होती है, तो इनका अंतिम संस्कार रात में किया जाता है। मृत किन्नर के शव को जूत-चप्पलों से पीटा जाता है। तो चलिए आपको किन्नरों के जीवन से जुड़ी कुछ बातों से रूबरू कराते हैॆ।

ये भी पढ़ें... कुंभ मेला 2021 को लेकर किन्नर अखाड़ा तैयार, हरिद्वार में संतों ने की गंगा पूजा

किन्नरों की छठी इंद्रीय काफी तेज

सामान्यत् किन्नरों को लोग जानते हैं लेकिन लोग इनके बारे में भी जानना चाहते हैं। किन्नरों से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं, जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे। कहा जाता है कि किन्नरों की छठी इंद्रीय काफी तेज होती है, इन्हें आगे होने वाली घटनाओं का आभास हो जाता है। बताया जाता है कि किन्नरों को पहले ही पता चल जाता है कि उनकी मौत होने वाली है। इससे जुड़े कई सारे प्रमाण दुनिया भर से सामने आए हैं।

तो जब भी किसी किन्नर की मौत होने वाली है तो वे अजीब सा व्यवहार करना शुरू कर देते हैं। वे कहीं बाहर आना-जाना और खाना बंद कर देते हैं। और इस दौरान वे केवल पानी पीते हैं। इसके साथ ही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे अगले जन्म में किन्नर न बनें।

kinnar फोटो-सोशल मीडिया

ये भी पढ़ें...किन्नरों की पिटाई: की थी ये बड़ी गलती, जिसकी मिली ये सजा

किन्नरों के शव को दफनाया

बताया जाता है कि किन्नरों के शव को दफनाया जाता है लेकिन उससे पहले आत्‍मा को आजाद करने की प्रक्रिया (Soul Liberation Process) की जाती है। इसके लिए शव को सफेद कपड़े में लपेटा जाता है। साथ ही हर तरह के बंधन से मुक्त करने के लिए उनके शव पर कुछ नहीं बांधा जाता है।

खासतौर पर ऐसी कोशिश की जाती है कि मृत किन्नर के शरीर को समुदाय के बाहर का व्यक्ति न देखे। क्योंकि वे मानते हैं कि अगर किन्‍नर के शरीर को किसी आम जन ने देखा तो वो दिवंगत किन्नर फिर से किन्‍नर योनि में ही जन्म लेगा।

और यही वजह है कि इनके अंतिम संस्कार के सभी रिवाज रात में ही पूरे किए जाते हैं। वहीं शव यात्रा निकालने से पहले शव को जूते-चप्‍पलों से पीटते हैं जिससे अगले जन्म में वह फिर से किन्नर न बने। वे प्रार्थना करते हैं कि इस जन्म से शव को मुक्ति मिले।

ये भी पढ़ें...खौफनाक: किन्नरों ने युवक के साथ किया ऐसा, जानकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story