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OMG! एक पत्नी और कई पति, जानिए हिमाचल प्रदेश के गांव की एक अद्भुत प्रथा

Kinnaur Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में महिलाएं होती है समाज की मुखिया। एक महिला की परिवार के सभी भाई से होती है शादी।

Vertika Sonakia
Published on: 14 May 2023 6:48 PM GMT
OMG! एक पत्नी और कई पति, जानिए हिमाचल प्रदेश के गांव की एक अद्भुत प्रथा
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Kinnaur Himachal Pradesh (फ़ोटो: सोशल मीडिया)

Kinnaur Himachal Pradesh: आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कई पुरानी परंपराएं विलुप्त सी होती जा रही है। लेकिन कुछ परंपराएं ऐसी भी हैं जो महाभारत काल से आज तक जीवित हैं। इस परंपरा के अनुसार एक ही लड़की की कई भाइयों की शादियां होती है और दरवाजे पर टोपी का पहरा होता है। टोपी को देखकर दूसरा भाई कमरे में नहीं आता।

बहु पति प्रथा का चलन

महाभारत काल की बहु पति प्रथा का चलन इस काल में आज भी कायम है। यहां द्रौपदी की तरह ही महिलाओं के 5 या उससे भी ज्यादा पति होते हैं।ये कहीं और नहीं भारत में ही है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में एक घर में चाहे कितने भी बेटे हों, उनकी शादी एक ही लड़की से होती है। यानी सभी भाईयों की एक ही पत्नी होती है।

क्यों मशहूर है ये गांव

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर गांव टूरिज्म के लिहाज से प्रसिद्ध है। यहाँ का कल्चर और ट्रेडिशन जानने के लिए दोनों रहते लोग आते हैं। इस गांव में महिलाओं का बहुत सम्मान होता है। उन्हें समाज में सर्वोच्च दर्जा दिया जाता है। यहाँ सर्दियों के समय बर्फ़ देखने बहुत सैलानी उमड़ते हैं।

महिलाएँ हैं इस समाज के मुखिया

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर समाज में महिलाएं होती है परिवार की मुखिया। महिलाएं पति और बच्चों की देखभाल करने के साथ ही खेती, किसानी में भी कार्य करती हैं। पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी खाने के साथ रोजाना दारू पीती हैं। अधिक ठंड होने के कारण शरीर को गर्म रखने के लिए दारू पी जाती है। यहाँ जब एक लड़के की शादी की उम्र हो जाती है तो सभी भाइयो की एक ही दिन पर शादी होती है। सभी भाई एक साथ दूल्हा बनकर मंडप पर आते हैं। विवाह के बाद यदि किसी एक पति की मृत्यु हो जाती है तो महिलाओं को दुख नहीं मनाने दिया जाता है।

दरवाजे पर टोपी का रिवाज

अगर कोई भाई दुल्हन के साथ कमरे में है तो अपनी टोपी कमरे के बाहर दरवाजे पर रख देता है। बाकी भाई इस परंपरा का सम्मान करते हैं। यदि कोई माई कमरे की ओर आता है तो वह टोपी देखकर वापस चला जाता है और कमरे में प्रवेश नहीं करता| कुछ लोग पांडवों के समय से भी किन्नौर में बहुपति प्रथा को प्राचीन मानते हैं। पत्नी के साथ समय का उचित बंटवारा होने से इस प्रथा से वैवाहिक जीवन पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता है। सभी बच्चे अपने कानूनी पिता को पिता और अपने अन्य भाइयों को मध्य पिता, छोटे पिता आदि कहते हैं।

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