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किसानों की रिहर्सलः गणतंत्र दिवस पर ये बड़ा प्लान, आज से दिखेगी तैयारी

किसानों का इरादा गणतंत्र दिवस पर ट्रेक्टर रैली निकलने का है और आज उसी रैली का रिहर्सल किया जा रहा है। ये रिहर्सल 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे होगा। वैसे, एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टरों की अनुमति नहीं है।

Ashiki
Published on: 7 Jan 2021 9:50 AM IST
किसानों की रिहर्सलः गणतंत्र दिवस पर ये बड़ा प्लान, आज से दिखेगी तैयारी
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दिल्ली से पहले छत्तीसगढ़ में किसानों की ट्रैक्टर रैली, पुलिस ने रोका तो उड़ाया बैरीकेड

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन अब दबाव बनाने के लिए नए नए उपाए कर रहे हैं और इसी कड़ी में आज का ट्रेक्टर मार्च है। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब सवा महीने से हजारों किसान डटे हैं और कानून वापसी की मांग कर रहे हैं।। सरकार के साथ किसानों की सात दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होनी है। अब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में ये यात्रा निकाली जा रही है ताकि कल की यात्रा के लिए पहले से दबाव बने। किसान नेताओं का दावा है कि इस मार्च में 60 हजार ट्रैक्टर शामिल होंगे।

गणतंत्र दिवस का रिहर्सल

किसानों का इरादा गणतंत्र दिवस पर ट्रेक्टर रैली निकलने का है और आज उसी रैली का रिहर्सल किया जा रहा है। ये रिहर्सल 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे होगा। वैसे, एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टरों की अनुमति नहीं है।

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ट्रैफिक डाइवर्जन

संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसानों की ट्रैक्टर यात्रा को देखते हुए आम यात्रियों के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल पर मार्ग परिवर्तन किया गया है। कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) और कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के आसपास एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। ट्रैक्टर यात्रा इस्टर्न पेरीफेरल रोड पर गाजियाबाद के दुहाई, डासना व गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल जाएगी और फिर वहां से वापस आएगी।

महीना भर से डेरा डाले हैं किसान

आंदोलनकारी किसान 28 नवंबर से यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं और 3 दिसंबर से एनएच 9 के गाजियाबाद-दिल्ली कैरिजवे को भी बंद कर दिया है। ये किसान भी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर अन्य प्रदर्शनकारियों तरह तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक नया कानून की मांग कर रहे हैं। सरकार के साथ उनकी वार्ता अंतिम दौर में पहुंच चुकी है, लेकिन कानूनों को रद्द करने पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ जबकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि वे संशोधनों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

26 जनवरी को किसान परेड की तैयारी

किसानों का कहना है कि सरकार ने मांगी नहीं मानीं तो 26 जनवरी को भी ट्रैक्टर परेड होगी। हरियाणा के किसान संगठनों ने हर गांव से 10 महिलाओं को 26 जनवरी के लिए दिल्ली बुलाया है। यही अपील उत्तर प्रदेश के किसानों ने की है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च की अगुआई महिलाएं ही करेंगी। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।

kisan andolan

कल है बातचीत

किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रही और अगली तारीख 8 जनवरी तय हुई। अगली मीटिंग में कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर अलग कानून बनाने की मांग पर बात होगी। यह 9वें दौर की बैठक होगी। इससे पहले सिर्फ 7वें दौर की मीटिंग में किसानों की 2 मांगों पर सहमति बन पाई थी, बाकी सभी बैठकें बेनतीजा रहीं।

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सुप्रीम कोर्ट में 11 जनवरी को सुनवाई

कृषि कानून रद्द करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है। साथ ही कहा कि किसानों की हालत समझते हैं। अब 11 जनवरी को सुनवाई होगी। उधर, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने भी कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।

नीलमणि लाल



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