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राकेश टिकैत ने पिया झारखंड का पानी, सरकार पर जमकर बरसे 'बादल'
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख झारखंड का पानी लेकर किसान नेता राकेश टिकैत से मिले। मंगलवार रात ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर हुई इस मुलाकात के दौरान राकेश टिकैत ने झारखंड का पानी पिया और आंदोलन को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।
रांची: तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन को झारखंड सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है। इस बीच राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख झारखंड का पानी लेकर किसान नेता राकेश टिकैत से मिले। मंगलवार रात ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर हुई इस मुलाकात के दौरान राकेश टिकैत ने झारखंड का पानी पिया और आंदोलन को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने रात का खाना भी किसानों के साथ ही किया। उन्होनें कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के रवैये को अलोकतांत्रिक बताया।
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केंद्र सरकार संवेदनहीन
किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात के दौरान झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि, कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार का रवैया ठीक नहीं है। केंद्र सरकार किसानों का दर्द नहीं समझ रही है। अपने ही देश के अन्नदाताओं को दुश्मन बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। सड़कों पर लोहे के कीलें, कंटीले तार और सीमेंट की दीवार खड़ी की जा रही है। बिजली, पानी और इंटरनेट की सुविधा बाधित की जा रही है। केंद्र सरकार का ये रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है। कृषि मंत्री ने कहा कि, किसान आंदोलन को केवल झारखंड के लोग ही नहीं बल्कि यहां की जल, जंगल और ज़मीन भी अन्नदाताओं के साथ है।
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अपनों के बीच सरहदें
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार के रुख पर अपनी नाराज़गी पहले ही जता चुके हैं। इस बीच सड़कों पर कंटीले तार, सीमेंट की दीवार और लोहे के कील लगाने को लेकर सीएम ने तंज कसा है। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री ने लिखा है कि, आखिर अपने ही देश में कितनी सरहदें बनेंगी। किन-किन वर्गों के बीच सरहदें बनेंगी। किन-किन समुदायों के बीच सरहदें बनेंगी। आखिरकार देश में अपनों के बीच ही सरहदें बनाने का सिलसिला कबतक चलेगा। इससे पहले भी सीएम हेमंत सोरेन केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। राज्य सरकार ने किसान आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया है।
रिपोर्ट: शाहनवाज़