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आम बजट 2020-21 किसी ने सराहा तो किसी ने बताया जेब पर भारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे आम बजट को अर्थशास्त्री और गिरी इंस्टीट्यूट आफ डेवलपमेंट स्टडीज के निदेशक प्रो. बीके बाजपेयी ने संतुलित और देश की...
लखनऊ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे आम बजट को अर्थशास्त्री और गिरी इंस्टीट्यूट आफ डेवलपमेंट स्टडीज के निदेशक प्रो. बीके बाजपेयी ने संतुलित और देश की जरूरत के मुताबिक बजट बताया है।
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प्रो. बाजपेयी इस बजट को एक सकारात्मक बजट करार देते हुए कहते है कि बजट में कृषि क्षेत्र को 2.83 लाख करोड़ रुपये मिले है। इससे किसानों की सिंचाई की बड़ी समस्यां हल हो जायेगी तथा छोटे किसानों को फायदा होगा। इससे कृषि रोजगार बढ़ेगा। इसके साथ ही कार्पोरेट टैक्स 30 से घटा कर 22 प्रतिशत कर दिया है।
उत्पादन में वृद्धि होगी और बाजार की रौनक लौटेगी
उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कटौती से निकट भविष्य में सरकार का खासा नुकसान होने वाला है, मगर आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को इससे खासा लाभ मिलेगा। इससे निवेश बढे़गा और रोजगार में वृद्धि होगी। रोजगार वृद्धि से मांग बढ़ेगी, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी और बाजार की रौनक लौटेगी।
हाउसिंग लोन के ब्याज पर टैक्स बेनिफिट की मियाद बढ़ा दी है
वह कहते है कि सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर में भी मदद देने का एलान किया है, इससे जो इमारते केवल फिनिश होना बाकी है उनका काम पूरा हो सकेगा और रियल एस्टेट क्षेत्र के लोग ठहराव से उबर सकेंगे। वित्तीय मामलों की जानकार व चार्टड एकाउंटेंट सीमा परिहार बताती है कि सरकार ने हाउसिंग लोन के ब्याज पर टैक्स बेनिफिट की मियाद बढ़ा दी है।
अब 31 मार्च 2021 तक इसका फायदा उठाया जा सकेगा। होम लोन के ब्याज पर 3.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट मिलती है। सरकार के इस कदम का पहली बार घर खरीद रहे लोगों को फायदा होगा. अगर लोन 31 मार्च 2021 से पहले 45 लाख रुपये तक का घर खरीदने के लिए लोन लिया गया है तो इस डिडक्शन का फायदा लिया जा सकेगा।
फर्नीचर और फुटवियर के आयात पर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है
चार्टड एकाउंटेंट व अर्थशास्त्री सुजीत सिंह के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दूसरा बजट ग्रामीण क्षेत्र के लिए तो ठीक है लेकिन शहरी क्षेत्र के लिए इसमे कई ऐसे एलान किए गये है जो जेब पर भारी पडेंगे। आम बजट 2020-21 में फर्नीचर और फुटवियर के आयात पर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
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इस कदम से देश में इंपोर्टेंड फुटवियर और फर्नीचर महंगे हो जाएंगे। वित्त मंत्री ने फुटवियर पर कस्टम ड्यूटी 25 फीसदी बढ़ाकर से 35 फीसदी तक कर दी है। इसी तरह, जूता बनाने के काम में आने वाली चीजों पर अब 15 फीसदी की जगह 20 फीसदी आयात शुल्क चुकाना होगा तो फर्नीचर पर 20 फीसदी की जगह 25 फीसदी कस्टम ड्यूटी चुकानी होगी।
बजट में प्लेटिनम पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है
इतना ही नहीं वित्त मंत्री ने चिकित्सा उपकरणों के आयात पर स्वास्थ्य उपकर भी लगाया है, इससे विदेशों से आयात होने वाले मेडिकल उपकरण महंगे होंगे। बजट में फूड प्रोसेसिंग उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का भी एलान हुआ है, इससे आयातित पैकेज्ड फूड के दाम बढ़ जाएंगे। इसके अलावा बजट में ऑटो पार्ट्स पर भी कस्टम ड्यूटी में इजाफा हुआ है। बजट में प्लेटिनम पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है।
बजट में आयात किए गए वॉलफैन, बर्तनों पर कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी का एलान किया है। इससे इन चीजों के दामों में बढ़ोतरी होगी। बजट 2020-21 में कच्ची चीनी, एग्रो-एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट्स, ट्यूना बैट, स्किम्ड मिल्क, सोया फाइबर, सोया प्रोटीन, कुछ एक्लोलिक बेवरेज पर कस्टम ड्यूटी छूट खत्म करने का एलान किया गया है।
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बजट में वॉल फैन पर कस्टम ड्यूटी 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है जबकि चाइना सेरेमिक, क्ले आयरन, स्टील या तांबे से बने बर्तनों और दूसरे किचन के सामानों पर भी कस्टम ड्यूटी को 10 फीसदी बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया किया गया है।