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मोदी के फेवरेट गुरु! 20 साल सिखी इनसे कई सारी ज्ञान की बातें
गुरु का रोल सबके लाइफ में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। उनकी दी हुई शिक्षा ही जीवन का सही आधार बताती है और जीवन के लक्ष्य को पूरा करने में एक बहुत बड़ा साथ बनती है।
गुरु का रोल सबके लाइफ में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। उनकी दी हुई शिक्षा ही जीवन का सही आधार बताती है और जीवन के लक्ष्य को पूरा करने में एक बहुत बड़ा साथ बनती है। गुरु का शिष्य अगर अपने जीवन के सही दिशा को पा ले तो गुरुओं के लिए बेहद खुशी का दिन साबित होता है। आज टीचर्स डे पर एक ऐसे ही गुरु और शिष्य के बारे में आपको बतायेंगे। जिनका साथ तो छूट गया पर आज भी उनका शिष्य उनको दिल में बसाए हुए है।
हम बात कर रहे हैं पीएम मोदी और उनके गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती की। जब-जब पीएम मोदी को जिंदगी में कुछ भी मुश्किलें आईं, उन्होंने अपने गुरु के ज्ञान का सहारा लिया। मोदी के गुरु का चार साल पर पहले ही देहांत हो चुका है।
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पीएम मोदी पर गुरु का रहा है गहरा प्रभाव-
उनके गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती अपने अनुभव से हर समस्या का हल निकाल लेते थे। जिसका पीएम मोदी पर गहरा प्रभाव पड़ा है। मोदी अपने गुरु की बहुत इज्जत करते थे।
20 साल का था रिश्ता-
स्वामी दयानंद गिरी और पीएम मोदी का रिश्ता बहुत पुराना था। पीएम मोदी करीब 20 साल पहले ऋषिकेश के दयानंद आश्रम गए थे और तभी से उनका रिश्ता चला आ रहा था। वो जिंदगी के हर पड़ाव में अपने गुरु का ज्ञान लेते थे।
पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तब उन्होंने अपने गुरु दयानंद गिरी को गांधीनगर बुलाकर उनका बहुत ही आदर-सम्मान के साथ स्वागत किया था।
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2005 में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से किया जा चुका सम्मानित-
स्वामी दयानंद गिरी ऋषिकेश में दयानंद सरस्वती आश्रम और साथ ही कोयंबटूर में एर्श विद्या गुरुकुलम के संचालक थे। देशभर में करीब सौ से ज्यादा उनके आश्रम के केंद्र चलाए जाते थे। बता दें कि साल 2005 में दयानंद आश्रम को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अवॉर्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है। ये अवॉर्ड आश्रम के शिक्षा और सेहत में अच्छा काम करने के लिए दिया गया था।
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