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जानिए कौन हैं अशोक लवासा, ADB में मिली बड़ी जिम्मेदारी, निशाने पर मोदी सरकार

निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा को एशियाई विकास बैंक में उपाध्यक्ष पद की मिली जिम्मेदारी, विरोधियों के निशाने पर मोदी सरकार एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत के निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया है।

Newstrack
Published on: 16 July 2020 1:24 PM GMT
जानिए कौन हैं अशोक लवासा, ADB में मिली बड़ी जिम्मेदारी, निशाने पर मोदी सरकार
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नई दिल्ली: निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा को एशियाई विकास बैंक में उपाध्यक्ष पद की मिली जिम्मेदारी, विरोधियों के निशाने पर मोदी सरकार एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत के निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। लवासा को पीपीपी मॉडल पर होने वाले प्रोजेक्ट्स की ज़िम्मेदारी दी जानी है।एडीबी के बयान के मुताबिक वर्तमान ज़िम्मेदारी के साथ लवासा पहले भारत सरकार में केंद्रीय वित्त सचिव ,पर्यावरण सचिव,वन,जलवायु मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव रह चुके हैं।उन्हें लम्बा प्रशासनिक अनुभव है।लवासा अगर इस ज़िम्मेदारी को संभालते हैं तो उन्हें चुनाव आयोग से इस्तीफा देना पड़ेगा।कार्यकाल पूरा करने से पहले इस्तीफा देने वाले वह दूसरे चुनाव आयुक्त होंगे।

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विवादों में घिरे रहे हैं अशोक लवासा-

अशोक लवासा प्रशासनिक अफसर के तौर पर सत्ता के गलियारों में एक शानदार अधिकारी के रूप में चर्चित हैं वहीं विवादों से भी उनका पुराना नाता रहा है।लवासा सबसे ज्यादा चर्चा में पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान आए जब विपक्ष ने पीएम मोदी के भाषणों को लेकर चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज की थी।और लवासा ने उन आपत्तियों को सही मानते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने से असहमति जताई थी। हालांकि बाद में यह फैसला बहुमत से हुआ जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान के गृहमंत्री अमित शाह को क्लीन चिट दी गई थी।कहा ये भी जाता है कि अपने फैसले के पलटने से अशोक लवासा आहत थे और उन्होंने चुनाव आयोग की कई बैठकों में हिस्सा भी नहीं लिया था।लवासा के इस रुख पर कांग्रेस ने पूरे चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया था।

मोदी विरोधी देख रहे हैं इस नियुक्ति में राजनीति—

लवासा की एडीबी में नियुक्ति को लेकर मोदी विरोधी सक्रिय हो गए हैं।उनका मानना है कि यह नियुक्ति लवासा को साइडलाइन करने जोड़ जुगत है।इस तरह के भी रोप लगाए जा रहे हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से ही लवासा सरकार के निशाने पर थे ।यह बात और है कि लवासा और उनके परिवार के खिलाफ जांच भी चल रही है।

कौन हैं अशोक लवासा—

अशोक लवासा हरियाणा कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं और सक्रिय प्रशासनिक सेवाओं में उनका 37 साल से ज्यादा का अनुभव है। हरियाणा सरकार हो या केंद्र उन्होंने अपनी कार्यशैली से सबको प्रभावित किया है।लवासा अंतर्राष्ट्रीय वार्ताओं के एक्सपर्ट माने जाते हैं। उन्होंने 2015 में हुए ऐतिहासिक पेरिस एकॉर्ड जिसमें दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन को लेकर समझौता हुआ था,में भारतीय टीम को लीड किया था।इसके अलावा मॉंट्रियल प्रोटोकॉल समेत की मौकों पर उन्होंने देश की प्रशासनिक टीम का नेतृत्व भी किया है।

भारत के वित्त मंत्री रहे स्वर्गीय़ अरुण जेटली की टीम के भी वह अहम सदस्य रहे और एडीबी से बातचीत में अग्रणी भूमिका निभाई। जीएसटी,बिल और रेल बजट को आम बजट में मिलाने के मोदी सरकार के धाकड़ फैसलों के समय लवासा ही केंद्रीय वित्त सचिव थे।आईएएस बनने से पहले लवासा लेक्चरर और एसबीआई में पीओ भी रह चुके हैं।देश विदेश की बड़ी यूनिवर्सिटियों से उन्होंने प्रतिष्ठित डिग्रियां भी हासिल कीं।

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अशोक लवासा अगर एडीबी नहीं जाते हैं तो अप्रैल 2021 में देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनेंगे और अक्टूबर 2022 तक इस पद पर रहेंगे। इस दौरान यूपी,उत्तराखंड,पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों के विधान सभा चुनाव भी होने हैं।

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