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ममता बनर्जी की घबराहट अब खुल कर आई सामने
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की घबराहट अब खुल कर सामने आ गई है। ममता ने स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी के कुछ स्थानीय नेता 'लालची' हो सकते हैं। ममता ने लोगों से आग्रह किया कि वे उन लोगों के खिलाफ गुस्सा तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ मतदान करके नहीं निकालें। ममता ने दावा किया कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस तरह के आरोपों से ऊपर है। ममता ने कहा कि उनकी सरकार की ढेर सारी योजनाओं के जरिए पिछड़े इलाके जंगलमहल के लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है।
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ममता बनर्जी ने अपनी रैलियों में कबूल किया, 'मैं यह नहीं कह सकती कि मेरी पार्टी के 100 फीसदी कार्यकर्ता अच्छे हैं। हो सकता है कि दो प्रतिशत बुरे हों और हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। ममता ने कहा कि इलाके के कुछ स्थानीय नेता लालची हो गए हैं लेकिन उनकी पहचान कर ली गयी और उन्हें बाहर निकाल दिया गया है। ममता ने कहा कि कुछ लोगों की गलती के कारण तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर लोग भाजपा, कांग्रेस और माकपा में नहीं जाएं। 'चाहे जो हो, तृणमूल कांग्रेस ही है जो हमेशा आपके कदमों में रहेगी और आपकी हर जरूरत और समस्या में आपके साथ होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल चुनावी कोकिल है, जो केवल चुनाव के समय आती है और बाकी समय गायब रहती है,जबकि तृणमूल कांग्रेस सदैव ही लोगों के साथ है।
बदला हुआ है हवा का रुख
पश्चिम बंगाल में इस बार राजनीतिक हवा का अंदाजा घरों और प्रतिष्ठानों में लगे विभिन्न पार्टियों के झंडों से हो रहा है। पहले जहां भाजपा के झंडे इक्काा-दुक्का ही दिखाई देते थे वहीं अब लगभग हर संसदीय क्षेत्र में भाजपा के केसरिया झंडे देखने को मिलते हैं। इन झंडों को देख समझा जा सकता है कि सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्कर मिल रही है। तृणमूल कांग्रेस इस चुनौती और सच्चाई से मुंह नहीं मोडऩा चाहती। तृणमूल के नेता यह स्वीकारने में नहीं हिचकिचाते कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी बन कर उभर रही है। भाजपा तृणमूल कांग्रेस की अंदरूनी कलह से भी लाभ उठाने की रणनीति पर काम कर रही है।