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गजब! 2176.25 करोड़ की नहर, सिर्फ दो मिनट में ढहकर गिर गई
झारखण्ड में 42 सालों से अटका हुआ कोनार नहर परियोजना का मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गिरीडीह और हजारीबाग में उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री रघुवर ने करीब 12 बजे इस परियोजना का उद्घाटन किया।
झारखण्ड: झारखण्ड में 42 सालों से अटका हुआ कोनार नहर परियोजना का मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गिरीडीह और हजारीबाग में उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री रघुवर ने करीब 12 बजे इस परियोजना का उद्घाटन किया। उद्घाटन के महज 12 घंटे बाद ही नहर की दीवार धराशायी हो गई। पहले तो इस दीवार के गिरने की वजह चूहों को बताया गया। फिर बाद में इसे अधिकारियों की गलती मानी गई। दीवार के धराशायी होने की वजह से किसानों की लाखों की फसलें बर्बाद हो गईं।
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42 साल पहले शुरु हुई थी परियोजना-
कोनार नहर सिंचाई परियोजना की शुरुआत 42 साल पहले की गई थी, जो 42 साल बाद अगस्त 2019 में पूरी हुई। झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने इस परियोजना का उद्घाटन के लिए हजारीबाग पहुंचे और करीब दोपहर 12 बजे इस परियोजना का उद्घाटन किया। लेकिन महज 12 घंटे बाद ही उद्घाटनस्थल से 10 किलोमीटर दूरी पर नहर का दीवार टूट गई और इससे करीब 50 से ज्यादा किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं।
इस नहर को 2176.25 करोड़ रुपये की लागत से शुरु किया गया था। इस नहर परियोजना की लंबाई 216 किलोमीटर है। इस परियोजना की शुरुआत तब हुई थी जब समग्र बिहार था। इस परियोजना के तहत 3 जिलों के 85 गावों के किसानों के कुल 62,895 हेक्टर जमीनों की सिंचाई होनी थी। इस परियोजना से जिन किसानों को फायदा होने वाला था। उन्हीं किसानों को इस परियोजना के वजह से कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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मामले में 4 इंजीनियर सस्पेंड-
नहर की दीवार गिरने की वजह से अब तक के कार्रवाई में 4 इंजीनियर को सस्पेंड किया गया है और अभी भी जांच जारी है। पहले तो इस दीवार के गिरने की वजह चूहों को बताया गया। फिर बाद में इसे अधिकारियों की गलती मानी गई। फिलहाल सवाल ये भी है कि इस परियोजना में इतनी बड़ी चूंक का जिम्मेदार कौन है?