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आतंकी हमले में घायल कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे की मौत, जानें क्या है मामला

जम्मू—कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां के हालात काफी बदल गए हैं। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से देखा जाए तो स्थिति अभी भी दयनीय ही बनी हुई है।

raghvendra
Published on: 28 Feb 2021 12:53 PM GMT
आतंकी हमले में घायल कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे की मौत, जानें क्या है मामला
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photo soshal media

श्रीनगर। जम्मू—कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां के हालात काफी बदल गए हैं। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से देखा जाए तो स्थिति अभी भी दयनीय ही बनी हुई है। आलम यह है कि आतंकियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए श्रीनगर के लोकप्रिय कृष्णा ढाबा के मालिक के बेटे आकाश मेहरा को गोली मार दी थी, जिसकी इलाज के दौरान आज मौत हो गई है। आतंकियों ने 17 फरवरी को आकोश को करीब से गोली मार दी थी।

श्रीनगर के अस्पताल में चल रहा था इलाज

अधिकारियों ने बताया कि हमले के बाद से आकाश मेहरा को इलाज के लिए श्रीनगर के एसएमएचएस (SMHS) में भर्ती कराया गया था। आकाश का बीते 10 दिनों से यहां इलाज चल रहा था। लेकिन आज सुबह उसकी हालत अचानक ​बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार आतंकवादियों ने उसे काफी करीब से गोली मारी थी, जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।

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मुस्लिम जांबाज फोर्स ने ली थी हमले की जिम्मेदारी

आकाश मेहरा के ऊपर हुए हमले की जिम्मेदारी ‘मुस्लिम जांबाज फोर्स’ ने ली है। बताया जा रहा है यह आतंकवादी संगठन वर्ष 1990 के दशक से जम्मू—कश्मीर में एक्टिव है। बताते चलें कि कृष्णा का ढाबा श्रीनगर में काफी मशहूर है। वहीं आकाश मेहता की मौत पर जम्मू—कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अफसोस जताया है। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार इन आरोपियों का संबंध प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर—ए—तैयबा से जुड़े एक सहयोगी संगठन से होने की बात सामने आ रही है।

काफी सुरक्षित जगह पर है कृष्णा ढाबा

श्रीनगर में शाकाहारी भोजन के लिए मशहूर कृष्णा ढाबा यहां काफी लोकप्रिय है। यह यहां के दुर्गनाग क्षेत्र में है। कश्मीर में यह क्षेत्र काफी सुरक्षित माना जाता है। यहां भारत और पाकिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह का कार्यालय भी बना हुआ है। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर के मुख्य न्यायाधीश के निवास सहित कई महत्वपूर्ण भवन इसी ढाबे के करीब में ही बने हुए हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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