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इनके आगे फेल है चीनी मार्शल आर्ट, गुरिल्ला लड़ाके देंगे अब माकूल जवाब

1999 के करगिल युद्ध में माउंटेन फोर्स ने पाकिस्तानी सैनिकों के होश ठिकाने कर दिए थे। माउंटेन फोर्स का निशाना काफी सटीक होता है। इस फोर्स में उत्तराखंड, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के सैनिकों को जगह दी जाती है।

SK Gautam
Published on: 29 Jun 2020 11:54 AM GMT
इनके आगे फेल है चीनी मार्शल आर्ट, गुरिल्ला लड़ाके देंगे अब माकूल जवाब
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नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अभी तनाव लगातार जारी है। भारत-चीन का यह बॉर्डर इस समय युद्ध जैसे माहौल का सामना कर रहा है। खबर है कि चीन ने सीमा पर मार्शल मार्ट ट्रेनर को भेजे हैं। दूसरी और भारत ने इन्हें टक्कर देने के लिए माउंटेन कार्प के एकीकृत बैटल ग्रुप (आईबीजी) की तैनाती की है। जिसे आमतौर पर माउंटेन फोर्स कहा जाता है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार 17वीं माउंटेन कार्प के जवान को चीन से निपटने के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है।

माउंटेन फोर्स गुरिल्ला युद्ध में माहिर

भारत ने 3488 किलोमीटर लंबे LAC पर माउंटेन फोर्स को तैनात कर दिया है। ये सेना की वो टुकड़ी है जो पहाड़ की ऊंचाइयों से दुश्मनों पर पैनी नजर रखती है। सीमा पर तैनात की गई माउंटेन फोर्स गुरिल्ला युद्ध में माहिर होते हैं। मुश्किल हालात में दुश्मनों को कैसे सबक सिखाया जाता है ये इन्हें अच्छी तरह पता है। इन्हें पहाड़ों पर लड़ने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है।

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माउंटेन फोर्स दुनिया में किसी के पास नहीं

1999 के करगिल युद्ध में माउंटेन फोर्स ने पाकिस्तानी सैनिकों के होश ठिकाने कर दिए थे। माउंटेन फोर्स का निशाना काफी सटीक होता है। इस फोर्स में उत्तराखंड, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के सैनिकों को जगह दी जाती है। खुद चीन के एक्सपर्ट ने पिछले दिनों कहा था कि इतनी मजबूत माउंटेन फोर्स दुनिया में किसी के पास नहीं है।

चीन ने मार्शल आर्ट सिखाने के लिए 20 ट्रेनर को तिब्बत भेजा

ख़बरों के अनुसार चीन मार्शल आर्ट के 20 ट्रेनर को तिब्बत भेजा जा रहा है। बता दें कि मार्शल आर्ट युद्ध की एक पुरानी कला है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर सेल्फ डिंफेस के लिए किया जाता है। चीन के सरकारी टीवी चैनल CCTV के मुताबिक, मार्शल आर्ट सिखाने के लिए इनबो फाइटर क्लब से 20 ट्रेनर को तिब्बत भेजा जाएगा। मार्शल आर्ट के अलग-अलग फॉर्म को ओलंपिक में भी शामिल किया जाता है और इस खेल में दक्षिण कोरिया के बाद चीन का भी दबदबा रहा है।

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