TRENDING TAGS :
कानून मंत्री को SC से बड़ी राहत, हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
यह मामला गुजरात की धोलका विधानसभा सीट से जुड़ा हुआ है। चूड़ासमा ने 2017 में हुए चुनाव में महज 327 वोटों से अपने प्रतिद्वंद्वी अश्विन राठौड़ को पराजित किया था।
नई दिल्ली। गुजरात के कानून मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें उसने चूड़ासमा के विधायक के चुनाव को खारिज कर दिया गया था। गुजरात हाईकोर्ट ने 12 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह फैसला सुनाया था और तीन दिन बाद ही चूड़ासमा को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है।
ये भी पढ़ें...कोरोना का सेक्स हार्मोन से सीधा कनेक्शन, इसलिए पुरुषों के लिए जानलेवा बना वायरस
327 वोटों से जीते थे चूड़ासमा
यह मामला गुजरात की धोलका विधानसभा सीट से जुड़ा हुआ है। चूड़ासमा ने 2017 में हुए चुनाव में महज 327 वोटों से अपने प्रतिद्वंद्वी अश्विन राठौड़ को पराजित किया था। निर्वाचन अधिकारी ने चूड़ासमा को विजेता घोषित कर दिया था मगर उस समय भी इस चुनाव को लेकर काफी विवाद हुआ था।
पोस्टल बैलट की नहीं हुई गिनती
दरअसल निर्वाचन अधिकारी धवल जानी ने 429 पोस्टल बैलट को खारिज कर दिया था और इन मतों को मतगणना में शामिल नहीं किया था।
राठौड़ पोस्टल बैलट की गिनती कराने पर अड़े हुए थे मगर उनकी मांग को खारिज कर दिया गया था। बाद में राठौड़ ने इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उनकी दलील थी कि यदि पोस्टल बैलट की भी गिनती की गई होती तो परिणाम उनके पक्ष में जा सकता था।
ये भी पढ़ें...शोभन सरकार के भक्तों की गिरफ्तारी, सपा विधायक ने थाने जा कर दी गिरफ्तारी
फरवरी में पूरी हो गई थी सुनवाई
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय की अदालत में फरवरी में ही इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी मगर उस समय फैसला नहीं सुनाया गया था।
गत 12 मई को फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने चूड़ासमा के निर्वाचन को खारिज कर दिया था। हालांकि अदालत का यह भी कहना था कि वह इस मामले में ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं।
हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
इस चर्चित मामले की सुनवाई के दौरान मतगणना के सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए थे और उस फुटेज में चूड़ासमा के निजी सचिव मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन पर बात करते हुए दिखे थे।
ये भी पढ़ें...CM योगी ने किया एलान: आश्रितों को 2 लाख, घायलों को 50-50 हजार रु. की सहायता
इसे लेकर अदालत ने निर्वाचन अधिकारी जॉनी को कड़ी फटकार भी लगाई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर जानी का तबादला भी कर दिया गया था।
अब सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
हाईकोर्ट द्वारा फैसला रद्द किए जाने के बाद गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा था कि हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पहुंचने के बाद शीर्ष अदालत में चूड़ासमा को राहत देते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।
ये भी पढ़ें...होगा आंदोलन: भारतीय मजदूर संघ की चेतावनी, 20 मई को देशभर में करेंगे ऐसा