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कोरोना का सेक्स हार्मोन से सीधा कनेक्शन, इसलिए पुरुषों के लिए जानलेवा बना वायरस

जर्मनी के एक विश्वविद्यालय के शोध में एक बड़ा खुलासा किया गया है। इस शोध में बताया गया है कि जिन पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन कम होता है उन पुरुषों के कोरोना वायरस से मरने का खतरा अधिक होता है।

Shreya
Published on: 15 May 2020 9:23 AM GMT
कोरोना का सेक्स हार्मोन से सीधा कनेक्शन, इसलिए पुरुषों के लिए जानलेवा बना वायरस
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नई दिल्ली: जर्मनी के एक विश्वविद्यालय के शोध में एक बड़ा खुलासा किया गया है। इस शोध में बताया गया है कि जिन पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन कम होता है उन पुरुषों के कोरोना वायरस से मरने का खतरा अधिक होता है। कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित 45 मरीजों पर किए गए अध्ययन के बाद यह बात कही गई है।

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जर्मनी के वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

यह अध्ययन जर्मनी के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर हैमबर्ग-इपेनडॉर्फ ने किया है। पहले किए गए कई अध्ययनों में यह दावा किया गया है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है। अब इस नए अध्ययन में पुरुषों के सेक्स हार्मोन को लेकर नया खुलासा किया गया है।

45 मरीजों पर किया गया अध्ययन

साइंस टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित 35 पुरुषों और 10 महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया है। यह सभी मरीज आईसीयू में भर्ती थे। बाद में इनमें से 9 पुरुषों और 3 महिलाओं की मौत हो गई। इन 45 मरीजों में से 7 मरीजों को ऑक्सीजन और 33 मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत महसूस हुई।

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69 फीसदी पुरुषों में सेक्स हार्मोन का स्तर कम

रिपोर्ट के मुताबिक 35 में से 69 फ़ीसदी पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम था। यह सेक्स हार्मोन शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है। अध्ययन में शामिल 60 फ़ीसदी महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर ज्यादा पाया गया।

हार्मोन की कमी से इम्यून सिस्टम प्रभावित

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम का सही होना जरूरी है, लेकिन पर्याप्त हार्मोन के बिना इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर पाता। टेस्टोस्टेरोन की कमी से इम्यून सिस्टम के किसी रोगाणु को मारने की कोशिश में बाधा पैदा होती है। इस कारण साइटोकिन स्टॉर्म हो जाता है।

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ऐसे मिलती है वायरस से लड़ने में मदद

इस अध्ययन में शामिल प्रोफेसर गुल्साह गेब्रियल का कहना है कि टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य होने से वायरस से लड़ने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य होता है उनमें साइटोकिन स्टॉर्म नहीं होता है। किसी वायरस के हमले के दौरान भी ऐसे पुरुषों के जिंदा रहने की संभावना अधिक होती है। प्रोफेसर गेब्रियल ने कहा कि ऐसे पुरुषों को कोरोना वायरस का गंभीर खतरा हो सकता है जिनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो। साइटोकिन स्टॉर्म की वजह से ऐसे पुरुषों के लिए यह वायरस जानलेवा साबित हो सकता है।

शोधकर्ता अली दानेशखाह ने कहा कि यह समझना जरूरी है की कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों की खराबी की वजह से ही लोगों की जान नहीं ले रहा बल्कि इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी की वजह से भी काफी लोगों की मौत हो रही है।

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कुछ पुरुष होते हैं शिकार

साइंस टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ पुरुष पैदाइशी हाइपोगोनाडिज्म के शिकार होते हैं। ऐसे पुरुषों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में टेस्टोस्टेरोन नहीं बन पाता है। कुछ पुरुष ऐसे भी होते हैं जिनमें यह काफी बाद में विकसित होना शुरू होता है। आमतौर पर उन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन देर से बनना शुरू होता है जो किसी संक्रमण या चोट का शिकार होते हैं। इसका इलाज टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से किया जा सकता है।

अध्ययन में शामिल एक वैज्ञानिक ने कहा कि वैसे तो कोरोना वायरस महिला और पुरुषों दोनों की जान ले रहा है मगर यह जानना काफी महत्वपूर्ण है कि आखिर महिलाओं की तुलना में पुरुष कोरोना के शिकार ज्यादा क्यों हो रहे हैं।

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रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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