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शराब पीने की है छूट,लेकिन इसके बाद ये किया तो नप जाएंगे आप

पूरे देश में लॉकडाउन है साथ में कोरोना का प्रकोप भी जारी है, दिन प्रतिदिन इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार ने देश को तीन जोन ग्रीन और ऑरेंज जोन, रेड जोन में बांट दिया है। आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सरकार ने कुछ इलाकों में शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दी है। दे

suman
Published on: 6 May 2020 3:17 AM GMT
शराब पीने की है छूट,लेकिन इसके बाद ये किया तो नप जाएंगे आप
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नई दिल्ली: पूरे देश में लॉकडाउन है साथ में कोरोना का प्रकोप भी जारी है, दिन प्रतिदिन इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकार ने देश को तीन जोन ग्रीन और ऑरेंज जोन, रेड जोन में बांट दिया है। आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सरकार ने कुछ इलाकों में शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दी है। देशभर में शराब की दुकानों पर लंबी लंबी लाइन लगी है यहां तक कि उन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर माखौल उड़ाया जा रहा है।

पहले दिन शराब की बिक्री को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब के खुद्रा मूल्य को 70 प्रतिशत बढ़ा दिया और दूसरे दिन उस फैसले को लागू भी कर दिया, लेकिन इसका पीने वालों पर कोई खासा असर देखने को नहीं मिला। शराब दूसरे दिन भी जमकर बिकी।दिल्ली में शराब के दाम बढ़ जाने के बाद कुछ लोगों ने यूपी से शराब लाने की कोशिश की। लेकिन बॉर्डर सील होने से लोग कामयाब ना हो पाए। बता दे कि कोई लॉकडाउन में शराब की तस्करी करे या उसे दूसरे राज्य से खरीदकार लाए चाहे तो नियम और कानून क्या कहता है। भारत के हर राज्य की अपनी आबकारी नीति है। उसी के अनुसार वहां कानून भी हैं।

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आबकारी अधिनियम

शराब से राज्यों को सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है। हर राज्य में शराब के दाम वहां की आबकारी नीति के तहत निर्धारित किए जाते हैं। यही वजह है कि कई राज्यों में शराब सस्ती मिलती है तो कई राज्यों में महंगी। ऐसे में शराब की तस्करी के मामले अक्सर सामने आते हैं।

ऐसे मामलों में कार्रवाई करने के लिए आबकारी अधिनियम का इस्तेमाल होता है। आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस अधिनियम की धारा 60 के तहत आने वाले मामले जमानती अपराध की श्रेणी में आते थे।शुरू में इसका सीधा फायदा शराब माफियाओं को मिलता था। सरकार ने साल 2018 में इसको गैर जमानती अपराध की श्रेणी में बदल दिया गया। अब ऐसे मामलों में आबकारी अधिनियम की धारा के साथ-साथ आईपीसी की धारा 272 और 273 भी लगाती है।

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विभागीय जानकारी के अनुसार मूल आबकारी अधिनियम में संशोधन के बाद नई धारा 60 (क) लागू की गई है, जिसके मुताबिक अगर कोई शख्स किसी मादक पदार्थ को किसी अन्य पदार्थ से मिलाता है या मिलाने देता है या ऐसी मादक वस्तु या किसी अन्य पदार्थ को किसी मादक वस्तु में इस्तेमाल करने के लिए बेचता है जिससे कोई इंसान विकलांगता या मृत्यु का शिकार हो जाए तो ऐसे में आरोपी के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 60 (क) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जाता ।

पहले आबकारी अधिनियम में ज्यादा सख्त नहीं थी, लेकिन संशोधन के बाद धारा 60 (क) तहत पकड़े गए आरोपियों की परेशानियां बढ़ गई ।अब तस्करी की शराब के साथ पकड़े जाने पर जमानत बड़ी मुश्किल है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

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