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LIVE: चक्रवात ‘फोनी’ से मुकाबले के लिये बांग्लादेश तैयार, अब तक 8 की मौत
चक्रवात फानी सुबह साढ़े पांच बजे गोपालपुर से करीब 65 किलोमीटर और पुरी से 80 किलोमीटर दूर पहुंच गया है और उसके शुक्रवार पूर्वाह्न तक ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना है।
नयी दिल्ली: बंगाल की खाड़ी के ऊपर मंडरा रहे चक्रवातीय तूफान फोनी के प्रकोप को देखते हुए बांग्लादेश ने शुक्रवार को दक्षिणपश्चिम जिलों में रह रहे पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।
भारतीय तटीय राज्यों में भीषण नुकसान और तबाही मचाने के बाद चक्रवातीय तूफान फोनी के देर रात तक बांग्लादेश में दस्तक देने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने ‘फोनी’ को ‘‘बेहद गंभीर चक्रवातीय तूफान’’ बताया है।
मौसम विभाग के प्रवक्ता उमर फारुक ने कहा कि चक्रवात के ‘‘खुलना तटरेखा के जरिये बांग्लादेश में प्रवेश करने’’ की संभावना है और ‘‘दक्षिण पश्चिम तटीय जिलों में तबाही मचाने के बाद’’ देश को पार करने में इसे पूरी रात का समय लगेगा। मौसम अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश में दोपहर से ही काले बादल छाये हुए हैं। धीरे-धीरे ओडिशा में तबाही मचाने के बाद अब यह चक्रवाती तूफान बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है। इसे दशक का सबसे भीषण चक्रवात कहा जा रहा है।
फारुक ने कहा कि तूफान ज्यों-ज्यों करीब आ रहा है इसके कारण देश के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना बढ़ती जा रही है और बारिश की तीव्रता में भी इजाफा होने की संभावना है। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव शाह कमाल ने पीटीआई को बताया कि दोपहर तक करीब 5,50,000 लोगों को तटीय जिलों से हटाकर सुरक्षित स्थानों या शिविरों में पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया, ‘‘नदी के तटीय क्षेत्र जैसे संवेदनशील के इलाकों में हमलोग लोगों तक मदद पहुंचाने और उनकी कीमती चीजों तथा मवेशियों के साथ उन्हें वहां से निकालने की कोशिश कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि वहां से निकाले गये लोगों को खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है हालांकि ‘‘उनके लिये हमारे पास पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध है’’।
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार खुलना जिले में कोइरा और डाकोप जैसे संवेदनशील इलाकों से करीब दो तिहाई लोगों को निकाला जा चुका है। इन्हीं जगहों से चक्रवात के देश में दस्तक देने की संभावना है। पत्रकारों के साथ बातचीत में आपदा प्रबंधन मंत्री एनामुर रहमान ने कहा कि सरकार चक्रवात का मुकाबला करने के लिये पूरी तरह से तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘सेना, नौसेना, तटरक्षक और अन्य एजेंसियां आपदा अभियान में सहायता के मकसद से तैयार हैं।’’ इस बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सभी सार्वजनिक एवं निजी संगठनों को बेहतर तालमेल कर चक्रवात का सामना करने का निर्देश जारी किया है। हालांकि प्रधानमंत्री इस वक्त लंदन की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
लंदन से जारी बयान में उन्होंने कहा, ‘‘चक्रवातीय तूफान फोनी से मुकाबले के लिये बेहतर तालमेल के साथ काम हो ताकि जानमाल की कम से कम क्षति हो।’’ उन्होंने लोगों से इस प्राकृतिक आपदा से मुकाबले के लिये तैयार रहने को कहा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ओडिशा की तुलना में बांग्लादेश में चक्रवात फोनी का असर कम रहने की संभावना है।
चक्रवात फानी पुरी तट से टकराने के बाद अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. पहले जहां पुरी में 245 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं तो अब हवा की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे हो गई है।
पुरी तट से टकराया चक्रवाती तूफान फानी
- पुरी में तेज हवाओं के साथ बारिश
- सीएम पटनायक की अपील-लोग इस दौरान घरों के अंदर ही रहें
- नौसेना ने राहत के लिए अपने पोत और कर्मियों को तैनात किया
- समुद्री किनारों से लोगों को हटा कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा गया
भुवनेश्वर और कटक में कई जगह पेड़ गिरे
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भारी बारिश और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ ने शुक्रवार सुबह ओडिशा तट पर दस्तक दी। इससे कम से कम आठ लोग मारे गये हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। तटीय राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया है और मछुआरों को समुद्र में नहीं उतरने को कहा गया है।
पूर्व तट रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हावडा - चेन्नई मार्ग पर करीब 220 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। तूफान के पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ने के मद्देनजर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले 48 घंटे के लिये पूर्वनियोजित अपनी सभी चुनावी रैलियों को रद्द कर दिया है और स्थति पर नजर रख रही हैं।
ओडिशा में तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गये और झोपड़ियां उजड़ गयीं। साथ ही कई शहर और गांव जलमग्न हो गये। चक्रवाती तूफान फोनी ने सुबह करीब आठ बजे राज्य की धार्मिक नगरी पुरी में दस्तक दी। बांग्ला में इस तूफान का नाम ‘फोनी’ उच्चारित किया जाता है, जिसका अर्थ ‘सांप का फण’ है। भारी बारिश के कारण प्रभावित इलाकों में स्थित घर डूब गये।
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अब तक कम से कम आठ लोग मृत बताए जा रहे हैं। कई इलाकों से सूचना का इंतजार है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुरी जिले में एक किशोर सहित तीन लोगों,भुवनेश्वर और आसपास के इलाकों में तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। एक कंक्रीट के मलबे की चपेट में आने से नयागढ़ में एक महिला की मौत हो गई जबकि केंद्रपाड़ा जिले में एक राहत शिविर में एक बुजुर्ग महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि पुरी जिला को भारी नुकसान पहुंचा है, जहां चक्रवात ने सबसे पहले दस्तक दी। उन्होंने कहा, ‘‘बिजली आपूर्ति का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो गया। बिजली आपूर्ति बहाल करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ’’ बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सैकड़ों इंजीनियर और तकनीशियन युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।
पटनायक ने कहा कि सड़क संपर्क बहाल करने के लिए कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चक्रवात अब भी ओडिशा से गुजर रहा है। नुकसान के आकलन करने में वक्त लगेगा। भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग केंद्र के निदेशक एचआर विश्वास ने फानी के दस्तक देने के शीघ्र बाद बताया कि चक्रवात करीब 30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है।
हालांकि, कुछ देर के अंदर हवाओं ने 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में भी नुकसान पहुंचा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के डीआईजी रणदीप राणा ने कहा कि एहतियात बरतने की वजह से अब तक अधिक लोगों के हताहत होने की खबर नहीं है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य प्रशासन ने चक्रवात से पहले करीब 10,000 गांवों और 52 शहरी इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को हटा लिया था जो देश में प्राकृतिक आपदा के समय संवेदनशील जगहों से लोगों को निकालने का संभवत: अब तक का सबसे बड़े पैमाने पर किया गया बचाव कार्य है।
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ये सभी लोग 4,000 से अधिक शिविरों में ठहरे हुए हैं जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिये बनाये गये 880 केंद्र शामिल हैं।विशेष राहत आयुक्त बी पी सेठी ने बताया कि चक्रवाती तूफान के दस्तक देने के बाद से यह खुर्दा, कटक, जयपुर, भद्रक और बालेश्वर की ओर बढ़ रहा है। इसके बाद यह पश्चिम बंगाल में दस्तक देगा। उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर में करीब 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तूफान ने दस्तक दी।
राज्य की राजधानी भुवनेश्वर एवं अन्य कई इलाकों में संचार लाइनें बाधित हो गयी हैं। मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हो गये हैं और कई जगहों पर बिजली की आपूर्ति ठप हो गयी है। भुवनेश्वर से मिली खबर के अनुसार कई पेड़ टूटकर गिर गये हैं जिससे सड़कें बाधित हो गयी हैं। पुरी, खुर्दा और कटक जिलों में फूस के मकान और पुराने मकानों को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की खबर है।
उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकालीन फसलों और बागानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। राष्ट्रीय टीवी चैनलों ने भुवनेश्वर में एक बस को तेज हवाओं के प्रभाव से डगमगाते दिखाया गया है। वहीं एक पुलिस बूथ राजमार्ग पर 200 फुट तक घसीट कर चला गया।
भुवनेश्वर हवाई अड्डा शुक्रवार को भी बंद रहा जबकि पारादीप और गोपालपुर बंदरगाह भी एहतियाती कदम उठाते हुए बंद कर दिए गए थे। एक अधिकारी ने बताया कि भुवनेश्वर हवाईअड्डा पर उपकरणों को भारी नुकसान पहुंचा है लेकिन उड़ानों का परिचालन शनिवार दोपहर एक बजे से शुरू होने की उम्मीद है।
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रेलवे चक्रवात प्रभावित ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के लिए राहत सहायता सामग्री मुफ्त में पहुंचाएगा। रेलवे ने इस सिलसिले में कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं और सभी डिविजनल रेलवे मैनजरों को पत्र लिख कर कहा है कि सभी सरकारी संगठन प्रभावित राज्यों के लिए राहत सामग्री मुफ्त में बुक कर सकते हैं।
ओडिशा में फोनी के दस्तक देने के बाद पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल भी इसके प्रकोप से खुद को बचाने के लिये तैयारी कर रहा है।कोलकाता में बादल घिरे हैं और शुक्रवार सुबह से कई अन्य इलाकों में भी बारिश हुई है। राज्य की राजधानी के कई हिस्सों में जलजमाव हो गया है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, ‘‘चक्रवात सप्ताहांत तक पश्चिम बंगाल में दस्तक दे सकता है। 100 और 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।’’ पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर सहित कई जिलों, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के अलावा हुगली, झारग्राम, कोलकाता और सुंदरबन के भी चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है। इसके बाद बांग्लादेश की ओर बढ़ते हुए इसका असर कम होता जायेगा।
नयी दिल्ली स्थित विमानन नियामक संस्था डीजीसीए ने बताया कि कोलकाता हवाईअड्डे पर शुक्रवार दिन में तीन बजे से शनिवार सुबह आठ बजे तक न तो कोई विमान हवाईअड्डा पर उतरेगा और न ही वहां से उड़ान भरेगा।
नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कई ट्वीट कर बताया कि सभी एयरलाइनों को चक्रवात फोनी से प्रभावित यात्रियों की चिंताओं पर निश्चित रूप से तत्काल जवाब देना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम सभी चक्रवात फोनी के चलते फंसे हुए जरूरतमंद लोगों को मदद उपलब्ध कराने के लिये तैयार हैं। प्रभावित यात्रियों की सहायता के लिये नियंत्रण कक्ष, हेल्पलाइनें हर समय चालू हैं। सभी एयरलाइनों को निश्चित रूप से यात्रियों की चिंताओं पर तत्काल जवाब देना चाहिए।’’
प्रभु ने यह भी कहा कि राहत एवं बचाव अभियान में प्रभावित राज्यों की मदद के लिये उनका मंत्रालय उन राज्यों की सरकारों से संपर्क में रहेगा। गृह मंत्रालय ने कहा है कि चक्रवात ‘फोनी’ का केंद्र सुबह 10 बजे तक स्थलीय क्षेत्र में पहुंच गया जिससे इसकी प्रचंडता कम हो गयी। हालांकि इस चक्रवात के कारण ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), नौसेना, तटरक्षक बल, सेना और वायु सेना के बचाव कर्मियों को तैनात किया गया है और केंद्र सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है गृह मंत्रालय नियंत्रण कक्ष में हेल्पलाइन नंबर 1938 शुरू किया गया है। एनडीआरएफ ने 60 टीमों को तैनात किया है जबकि 25 टीमों को तैयार रखा है। हर टीम में 45 सदस्य होते हैं।
भारतीय नौसेना ने राहत कार्यों के लिए पूर्वी तट पर छह पोतों को तैनात किया है जबकि पांच पोतों, छह विमानों और सात हेलीकॉप्टरों को विशाखापत्तनम में तैयार रखा गया है। वहीं, भारतीय वायु सेना ने राहत कार्यों के लिए दो सी-17 विमान तैनात किए हैं जबकि दो सी-130 और चार एएन-32 विमानों को तैयार रखा गया है। भारतीय तटरक्षक बल ने छह पोत तैनात किए हैं और छह पोतों को तैयार रखा है।
शिलांग से प्राप्त खबर के मुताबिक मेघालय सरकार ने चक्रवात फोनी के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक पलटन तैनात करने की मांग की है। गुवाहाटी से प्राप्त समाचार के मुताबिक असम सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों और संबद्ध एजेंसियों को अलर्ट पर रहने को कहा है।
(भाषा)