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मां के लिए 'बेटा' बनी बेटियां: कांधे पर अर्थी लेकर पहुंची श्मशान, दी मुखाग्नि
त्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में गंगानगर वार्ड निवासी 58 वर्ष की महिला की लंबी बिमारी के बाद आज मौत हो गयी। लॉकडाउन होने के कारण पूरा परिवार महिला के अंतिम संस्कार के लिए शामिल नहीं हो सका।
जगदलपुरः कोरोना वायरस संकट के बीच होने वाली मौतों को लेकर लोगों में मन में दहशत हैं, ऐसे में सामान्य मौत पर भी रिश्तेदार और करीबी शामिल होने से कतरा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ का है, जहां एक महिला की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए न तो रिश्तेदार आगे आये और न ही पड़ोसी। घर पर बेटे भी नहीं, ऐसे में बेटियों ने अपनी मां की अर्थी को कन्धा दिया और उनका अंतिम संस्कार किया।
मां की मौत के बाद बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा
दरअसल, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले में गंगानगर वार्ड निवासी 58 वर्ष की महिला की लंबी बिमारी के बाद आज मौत हो गयी। लॉकडाउन होने के कारण पूरा परिवार महिला के अंतिम संस्कार के लिए शामिल नहीं हो सका।
अंतिम संस्कार के लिए नहीं आया कोई आगे
इतना ही नहीं महिला की मौत की खबर से मौहल्ले वालों में इस बात को लेकर दहशत थी कि कही कोरोना के कारण तो उनका निधन नहीं हो गया है। ऐसे में वह भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। महिला के पति की एक महीने पहले ही मौत हो चुकी है। घर पर उनकी दो बेटियों आशा और रानू के अलावा कोई नहीं था। दोनों के आर्थिक हालात भी ठीक नहीं थे। लेकिन उन्होंने बेटों की तरह अपनी माँ को अंतिम विदाई थी।
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पार्षद और महापौर ने की आर्थिक मदद
इसमें उनका सहयोग दिया वार्ड के पार्षद विक्रम डांगी ने। पार्षद ने परिवार की आर्थिक मदद की, जिससे अंतिम संस्कार के लिए जरुरी चीजों को उपलब्ध कराई गयी।
बेटियों ने सजाई अर्थी, खुद दी मुखाग्नि
दोनों बेटियों ने माँ की अर्थी को सजाया और फिर खुद ही शव को कन्धा देकर श्मशान तक पहुँचाया। हालाँकि महिलाओं को कन्धा देते देख कुछ लोगों का दिल पसीजा और आगे बढ़ उन्होंने मदद की। श्मशान घाट में बड़ी बेटी ने मां के शव को मुखाग्नि दी।
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