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शौक बड़ी चीज है: डॉलर से सजी थी रेस्तरां की दीवारें, लॉकडाउन में ऐसे किया उपयोग 

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के के कारण व्यवसायों पर बहुत गहरा असर पड़ा है। कई लोग आर्थिक रूप से संघर्ष करने पर मजबूर हैं। इसको देखते हुए एक रेस्तरां की मालकिन को दीवार और छत पर सजे हुए 3,714 डॉलर निकालने पड़े ताकि वो अपने कर्मचारियों को वेतन दे सके।

SK Gautam
Published on: 11 April 2020 2:33 PM IST
शौक बड़ी चीज है: डॉलर से सजी थी रेस्तरां की दीवारें, लॉकडाउन में ऐसे किया उपयोग 
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नई दिल्ली: कोविड-19 के कारण फैले महामारी को देखते हुए कई देशों में लॉकडाउन लागू किया जा चुका है। पूरी दुनिया अपने-अपने घरों में है। कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या 239 पहुँच गयी है।

रेस्तरां की दीवारों और छत पर सजाये थे डॉलर

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के के कारण व्यवसायों पर बहुत गहरा असर पड़ा है। कई लोग आर्थिक रूप से संघर्ष करने पर मजबूर हैं। इसको देखते हुए एक रेस्तरां की मालकिन को दीवार और छत पर सजे हुए 3,714 डॉलर निकालने पड़े ताकि वो अपने कर्मचारियों को वेतन दे सके।

जॉर्जिया के ताएबी द्वीप पर बना हुआ है 'द सैंड बार' रेस्तरां

बताया जा रहा है कि ये रेस्तरां 'द सैंड बार' नाम से मशहूर है। 'द सैंड बार' रेस्तरां जॉर्जिया के ताएबी द्वीप पर बना हुआ है। गौरतलब है कि ताएबी द्वीप छुट्टियां मनाने के लिए प्रसिद्ध है। यहां लगभग 3000 लोगों की आबादी रहती है। यही नहीं यह शहर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह समुद्र तट पर निर्भर है। लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी लोग अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हैं।

एक न्यूज चैनल के मुताबिक, रेस्तरां की छत और दीवारों पर हजारों डॉलर लगभग 15 सालों से लगाए जा रहे थे। सात साल तक बारटेंडर का काम करने वाली जेनिफर नॉक्स अपनी मां पाम हेस्लर के साथ इस बार को चलाती हैं। कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए जेनिफर नॉक्स ने अपने कर्मचारियों की मदद करने का फैसला किया। नॉक्स ने रेस्तरां की दीवार और छतों पर लगे डॉलरों को निकालने का फैसला किया। उनका कहना है, 'मैं ऐसे बैठी नहीं रह सकती। मैं वो जरूर करूंगी जो अपने लोगों के लिए कर सकती हूं।

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दीवार और छत पर लगे डॉलर निकालने में लगा 3 दिन का समय

जानकारी के मुताबिक, उन लोगों को दीवार और छत पर लगे डॉलर निकालने के लिए 3 दिन का समय लग गया। नॉक्स ने पांच लोगों की मदद से दीवारों और छतों पर लगे डॉलरों को निकालने का काम पूरा किया। नॉक्स ने बताया, 'ये सभी डॉलर दर्जनों स्टेपल पिन की मदद से दीवारों पर लगे हुए थे और इनमें कई देशों की करंसी शामिल थीं।'

नॉक्स के मुताबिक, दीवारों और छतों से डॉलर निकालने के बाद उन नोटों को अलग करने में लगभग 10 से 11 दिनों का समय लग गया। उन्होंने इससे 3,714 डॉलर जुटाए। जब उनके ग्राहकों को इस बात का पता चला तो वे लोग नॉक्स की इस पहल में मदद करने के लिए आगे आए और उन्होंने भी दान दिया। जिससे उन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए 4,104 डॉलर जुटा लिए।

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गिटार बजाने वाले संगीतकार का गाना सुनते हैं

लॉकडाउन की वजह से अधिकारियों ने ताएबी द्वीप के लोगों को घर के अंदर रहने के लिए कहा है, जिसकी वजह से 'द सैंड' जैसे कई रेस्तरां को बंद करना पड़ा है। नॉक्स ने बताया कि पहले यहां लोगों की भीड़ लगी रहती थी। लोग यहां गिटार बजाने वाले संगीतकार का गाना सुनते हुए खाना खाते थे लेकिन अब महामारी के चलते यहां कोई ग्राहक और कर्मचारी नहीं आते। वहीं नॉक्स छोटे से ताएबी द्वीप के कर्मचारियों को दान देना जारी रखना चाहती हैं। इसके लिए वह चंदा इकट्ठा करने में लगी हुई हैं। ताकि ऐसे समय में कर्मचारियों को वेतन मिल सके।

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