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इस व्यक्ति ने पेश की दरियादिली की मिसाल, 75 किराएदारों के माफ किए लाखों रुपए
तेंलगाना में एक मकान मालिक ने लॉकडाउन के दौरान दरियादिली दिखाते हुए अपने 75 किराएदारों का किराया माफ कर दिया है।
हैदराबाद: भारत में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता ही जा रहा है। कोरोना की इस लड़ाई में देश का हर शख्स अपनी भूमिका निभा रहा है। इस बीच तेंलगाना से एक खबर आ रही है कि एक मकान मालिक ने लॉकडाउन के दौरान दरियादिली दिखाते हुए अपने 75 किराएदारों का किराया माफ कर दिया है। शहर में तीन इमारतों के मालिक 41 वर्षीय शख्स ने अपने किराएदारों से कहा है कि उन्हें इस महीने यानि अप्रैल का किराया देने की जरुरत नहीं है।
मैं नहीं चाहता कि कोई भी परिवार पीड़ित हो
बालानगर के निवासी कोडुरी बालालिंगम का कहना है कि, मुझे पता है कि भूख क्या होती है? मैंने भी जिंदगी में बहुत सी मुश्किलों का सामना किया है। मैं नहीं चाहता कि इस मुश्किल की घड़ी में इनमें से कोई भी परिवार पीड़ित हो। उन्होंने बताया कि मेरी तीन बिल्डिंग में कई घर एक कमरे वाले हैं। इन कमरों में ज्यादातर बिहार के औद्योगिक श्रमिक ही किराए पर रहते हैं। आपको बता दें कि कोडुरी बालालिंगम ने जो अपने 75 किराएदारों का किराया माफ किया है, वह लगभग 3.4 लाख रुपये है।
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अगले महीने का किराया भी कर सकते हैं माफ
कोडुरी ने कहा कि अगर लॉकडाउन आगे भी जारी रहता है और औद्योगिक श्रमिकों के पास कमाई का कोई साधन नहीं होगा तो वह अगले महीने का भी किराया माफ कर सकते हैं। यहीं नहीं अपने किराएदारों का किराया माफ करने के साथ-साथ उन्होंने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 250 गरीब परिवारों को लगभग 2.5 लाख रुपये बांटे हैं।
पहले भी गरीबों की कर चुके हैं मदद
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब बालालिंगम ने पैसे दान किए हों। उन्होंने 2005 में जब बालानगर में अपनी यांत्रिक कार्यशाला की स्थापना की थी, तब भी उन्होंने जरूरतमंदों के बीच करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपये दान दिए थे। इसमें मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति देने से लेकर, उनके गांव में एक पानी का प्लांट स्थापित करना, आरटीसी कर्मचारियों के परिवारों की मदद करना, जो हड़ताल पर थे और सरकारी स्कूलों में वॉलंटिअर के रूप में पढ़ाने वालों को वेतन देना शामिल है।
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दूसरों की मदद करना स्वभाव में
उन्होंने खुद भी बहुत संघर्ष किए हैं, इसलिए उनके में दूसरों की मदद करने का स्वभाव है। उन्होंने खुद बताया था कि वो बर्तन धुलने का काम भी कर चुके हैं। उसके बाद उन्होंने बालानगर में एक खराद मशीन कार्यशाला में सहायक के रूप में काम किया और नौ साल तक विभिन्न कार्यशालाओं में काम किया। फिर उन्होंने 2005 में खुद की मशीन लगाई।
CM ने किराया माफ करने का किया था अनुरोध
आज उनके कार्यशाला में करीब 10 लोग काम करते हैं। उन्होंने बताया कि जब मेरे ऊपर 5 लाख रुपये का कर्ज था, तब भी मैंने गरीबों के लिए एक लाख रुपये का दान दिया था। उन्होंने कहा कि दूसरों की मदद करना मेरे स्वभाव में है। गौरतलब है कि सीएम के. चंद्रशेखर राव ने मकान मालिकों से किराएदारों का किराया माफ करने का अनुरोध किया था।
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