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Opposition Meeting: संसद के विशेष सत्र पर रणनीति बनाने में जुटा विपक्ष, खड़गे के आवास पर पांच को होगी INDIA की अहम बैठक
Opposition Meeting: संसद के विशेष सत्र के दौरान विपक्ष की रणनीति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार 5 सितंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर होगी।
Opposition Meeting: केंद्र सरकार की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के बाद अब विपक्ष भी एकजुट होकर रणनीति बनाने की कोशिश में जुट गया है। संसद के विशेष सत्र के दौरान विपक्ष की रणनीति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार 5 सितंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। यह बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर होगी। जानकार सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में इंडिया गठबंधन में शामिल सभी घटक दलों के नेता हिस्सा लेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल में 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की जानकारी दी थी। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक संसद के विशेष सत्र के एजेंडे का खुलासा नहीं किया गया है। ऐसे में तरह-तरह की कयासबाजी लगाई जा रही है। कांग्रेस समेत कुछ दलों के नेता वन नेशन-वन इलेक्शन के पक्ष में नहीं बताए जा रहे हैं। ऐसे में खड़गे के आवास पर विशेष सत्र के संबंध में विपक्षी नेता गहराई से मंथन करेंगे। बैठक के बाद खड़गे के आवास पर ही विपक्ष के नेताओं के लिए डिनर का इंतजाम भी किया गया है।
विशेष सत्र के एजेंडे का खुलासा नहीं
केंद्र सरकार की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाने का फैसला काफी चौंकाने वाला माना जा रहा है। केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को एक्स पर अपनी पोस्ट के जरिए जानकारी दी थी कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। यह विशेष सत्र सत्रहवीं लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान संसद की पांच बैठकें होंगी। विशेष बात यह है कि संसदीय कार्य मंत्री ने इस विशेष सत्र के पीछे के एजेंडे का खुलासा नहीं किया है और यही कारण है कि तरह-तरह की अटकलों का बाजार गरम हो गया है।
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संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान हम संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं। विशेष सत्र के फैसले पर इसलिए भी हैरानी जताई जा रही है क्योंकि संसद का मानसून सत्र अभी पिछले महीने ही समाप्त हुआ है। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चला था। हालांकि इस सत्र के दौरान मणिपुर की हिंसा को लेकर संसद का अधिकांश समय हंगामे की भेंट चढ़ गया। अब मोदी सरकार की ओर से अगले महीने ही संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है।
विशेष सत्र को लेकर तरह-तरह की अटकलें
मोदी सरकार की ओर से विशेष सत्र बुलाए जाने के बाद तरह-तरह की बातें सामने आई हैं। इसे इंडिया गठबंधन में मतभेद पैदा करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। दरअसल विशेष सत्र बुलाने की टाइमिंग भी काफी महत्वपूर्ण है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की मुंबई बैठक के दौरान विशेष सत्र बुलाए जाने का ऐलान किया गया। इस विशेष सत्र के दौरान वन इंडिया वन इलेक्शन, महिला आरक्षण बिल, यूनिफॉर्म सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण बिल लाने की चर्चाएं सुनी जा रही हैं।
सियासी जानकारों का मानना है कि इनमें से कुछ मुद्दों पर विपक्षी दलों के नेताओं के बीच मतभेद पैदा हो सकता है। यही कारण है कि इंडिया गठबंधन सरकार की कोशिशों के बाद सतर्क हो गया है। विपक्ष की रणनीति तय करने के लिए 5 सितंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। खड़गे के आवास पर होने वाली इस बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के नेता एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की रणनीति तय करेंगे।
कमेटी पर भी हो सकती है चर्चा
मोदी सरकार की ओर से वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए समिति का गठन भी किया जा चुका है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इसका अध्यक्ष बनाया गया है जबकि समिति के आठ सदस्यों के नाम का ऐलान भी कर दिया गया है। इन सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह,लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद को भी सदस्य बनाया गया है।
कमेटी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शामिल नहीं किया गया है और इसे लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। दरअसल कांग्रेस के नेता कमेटी में गुलाम नबी आजाद का नाम देखकर भड़क गए हैं। उनका कहना है कि मोदी सरकार की ओर से खड़गे का अपमान किया गया है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी समिति का सदस्य बनने से इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि 5 सितंबर को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है।